कारपेट एक्सपो के देसी बाजार में डालर, युआन, रियाल और रूबल की गूंज से खिले कारोबारियों के चेहरे
देसी प्रदर्शनी में डालर युआन रियाल रूबल रफ्तार से दौड़े। यह बात आपको चौंका रही होगी लेकिन सोलह आने सच है।
वाराणसी, जेएनएन। देसी प्रदर्शनी में डालर, युआन, रियाल, रूबल रफ्तार से दौड़े। यह बात आपको चौंका रही होगी लेकिन सोलह आने सच है। क्योंकि इंडिया कारपेट एक्स्पो की प्रदर्शनी में शिरकत करने शत-प्रतिशत विदेशी खरीदार पहुंचे थे। प्रदर्शनी में दूसरे दिन भी धूम नजर आई। दिन में 11 बजे से विदेशी मेहमान (खरीदार) पहुंचना शुरू हुए तो शाम तक यह सिलसिला बदस्तूर रहा। उनके कदम प्रत्येक स्टाल के सामने से गुजरने के दौरान ठिठक जा रहे थे। उनकी जुबां से बोल फूटते आसम .. (अद्भुद)। जिसके बाद उत्पादों के दाम पर चर्चा होती। स्टाल सजाए कारोबारी रुपये में उसे बताते तो उनका सवाल होता उनकी मुद्रा में इसका दाम क्या होगा? मसलन डालर, युवान, रियाल, रूबल ..।
बायर-सेलर के बीच की यह बातचीत स्थानीय लोगों के लिए मजेदार रही। बहुतेरे तो यह जानने की कोशिश करते दिखे कि उनके यहां 22 हजार रुपये में बिकने वाले कालीन का अमेरिका, चीन, सऊदी की मुद्रा में क्या दाम होगा? हालांकि, यूज एंड थ्रो के जमाने में खरीदार मशीन मेड एवं हल्के उत्पादों को ही पंसद कर ऑर्डर दे रहे हैं।
210 प्रतिनिधि भी प्रदर्शनी में पहुंचे : प्रदर्शनी में शनिवार को विदेशी खरीदारों के अलावा 210 आयातकों के प्रतिनिधि भी पहुंचे थे। उन्होंने कालीन निर्माता-निर्यातकों से बातचीत कर नमूने लिए। सीईपीसी का मानना है कि दूसरे दिन तक दो सौ करोड़ से अधिक के पूछताछ के साथ ऑर्डर मिले। किड्स कालीन भी मौजूद कालीन मेले में बच्चों की पसंद वाले किड्स कालीन विदेशी मेहमानों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे। किड़्स कालीन की अमेरिका में काफी माग है। हालांकि इसे ऑर्डर मिलने पर ही तैयार किया जाता है।