वाराणसी-हल्दिया जलमार्ग में पीपा पुल के कारण गाजीपुर में रातभर खड़ा रहा मालवाहक
वाराणसी-हल्दिया जलमार्ग परिवहन परियोजना अब पूरी तरह से अपनी रंगत में दिख रहा है, इस मालवाहक कार्गो को आगे बढ़ाने में पीपा पुल बाधक बनते दिख रहे हैं।
गाजीपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पित वाराणसी-हल्दिया जलमार्ग परिवहन परियोजना अब पूरी तरह से अपनी रंगत में दिख रहा है। इस मालवाहक कार्गो को आगे बढ़ाने में पीपा पुल बाधक बनते दिख रहे हैं। कारण कि पीपा पुल खोलने व दुरूस्त करने के लिए लोकनिर्माण विभाग की ओर से तैनात मल्लाह मजदूर समय का ध्यान न देकर मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। गुरुवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक पुल खोलने के लिए केवल मेठ अशोक राय व विजय यादव ही पहुंच सके थे। मजदूरों के न पहुंच पाने से पुल खोलने में विलंब के चलते मालवाहक को आगे बढ़ने के लिए बेवजह इंतजार करना पड़ा।
प्रधानमंत्री के हाथों इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लोकार्पण होने के बाद गुरुवार को दोबारा 16 कंटेनरों से युक्त टैगोर मालवाहक कार्गो गंगा के रास्ते इस इलाके से होकर कोलकाता की ओर गया। कार्गो बुधवार की शाम करीब छह बजे ही बच्छलपुर पीपा पुल के पास पहुंचकर अपना लंगर डाल दिया। इसकी जानकारी होने पर मेठ अशोक राय ने सभी मजदूरों को हिदायत दी कि वह सुबह आठ बजे तक पुल पर आ जाएं ताकि उसे खोलकर जहाज को आगे बढ़ाया जा सके। बावजूद मजदूरों के न पहुंचने से शाम छह बजे से खड़ा कार्गों अगले दिन दोपहर करीब 12 बजे आगे के लिए रवाना हुया।
इस संबंध में कार्गो की पायलटिंग में लगे मनोज कुमार ने बताया कि बुधवार को सुबह आठ बजे ही उन्हें चोचकपुर घाट पर पुल खुला मिला तो वह तेजी से आगे आ गए, अगर यहां भी पुल समय से खुल गया होता तो वह काफी आगे पहुंच जाते। बताया कि पुल न खुलने से उन्हें आगे जाने में बेवजह विलंब हुआ। बताया कि इस कार्गो पर वाराणसी से 16 कंटेनर लदा है जो कोलकाता जाएगा। कार्गो के परिचालन में मास्टर गोपाल घोष, चालक जीगू विश्वास, सुखानी गणेश जाना के अलावा अन्य तीन सहायक मौजूद रहे।