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कैंट स्टेशन पर खतरे की सुगबुगाहट, आरपीएफ की खुफिया इकाई ने सुरक्षा पर लिखा पत्र

होली और चुनावी माहौल में आतंकी रेलवे स्टेशन को अपना निशाना बना सकते हैं। असामाजिक तत्वों के लिए हमेशा से शाफ्ट टार्गेट रेलवे स्टेशन रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 09:28 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 08:05 AM (IST)
कैंट स्टेशन पर खतरे की सुगबुगाहट, आरपीएफ की खुफिया इकाई ने सुरक्षा पर लिखा पत्र
कैंट स्टेशन पर खतरे की सुगबुगाहट, आरपीएफ की खुफिया इकाई ने सुरक्षा पर लिखा पत्र

वाराणसी, जेएनएन। होली और चुनावी माहौल में आतंकी रेलवे स्टेशन को अपना निशाना बना सकते हैं। असामाजिक तत्वों के लिए हमेशा से शाफ्ट टार्गेट रेलवे स्टेशन रहे हैं। यह हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि आरपीएफ की खुफिया विभाग कह रही है। आतंकी खतरे की संभावना व्यक्त करते हुए आरपीएफ की खुफिया इकाई ने मुख्यालय को पत्र लिखा है। कैंट रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और सुरक्षा उपकरणों को दुरुस्त कराने की मांग की है।

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होली पर रंग में भंग डालने और देश की आतंरिक सुरक्षा में हलचल मचाने के लिए आतंकी संगठन कोई भी हथकंडा अपना सकते हैं। ये बात दीगर है कि पुलवामा हमला और एयर स्ट्राइक के बाद देश भर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। ऐहतियातन एयरपोर्ट, बस और रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 

आरपीएफ को मिला खुफिया इनपुट : एयर स्ट्राइक के बाद देश भर में अलर्ट जारी कर दिया गया था। दो सप्ताह पहले आतंकी हमले की आशंका व्यक्त करते हुए कैंट रेलवे स्टेशन पर चौकसी बढ़ाने के लिए खुफिया इनपुट मिला था। इसके बाद पूरा रेल महकमा हरकत में आ गया था। रेलवे परिसर और ट्रेनों में चेकिंग बढ़ाने के साथ संदिग्ध लोगों तथा यात्रियों के सामान की चेकिंग करना शुरू कर दिया है। साथ में लावारिस सामान दिखाई पडऩे पर सुरक्षा कर्मियों को बताने और न छूने की नसीहत दी जा रही है। 

स्टेशन पर बढ़ा यात्रियों का दबाव : होली पर घर लौटने वालों की भीड़ का असर ट्रेन और रेलवे स्टेशनों पर देखा जा सकता है। 17 मार्च से लेकर 21 मार्च तक नई दिल्ली, सुरत और मुंबई से पूर्वांचल की तरफ आने वाली ट्रेनें पूरी तरह से पैक हैं। यही हाल वापसी की ट्रेनों में भी देखा जा सकता है। लिहाजा रेलवे स्टेशन पर भी इसका काफी दबाव है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा रेलवे प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।

दंश के 13 साल : कैंट स्टेशन आज से 13 साल पहले छह मार्च (सन् 2006) को आतंकी हमले का दंश झेल चुका है। मुख्य यात्री हाल में हुए बम विस्फोट की चपेट में आने से आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस हादसे में घायल लोगों के जेहन में तबाही का वह मंजर सामने आते ही उनकी रूह कांप जाती है। खैर इस दुर्घटना को एक दशक से ज्यादा का समय गुजर चुका है। फिर भी सीख लेते हुए रेलवे की सुरक्षा एजेंसी त्योहार और खास मौकों पर किसी तरह से कोताही बरतने के मूड में नहीं है।

एक नजर

-01 लाख से ज्यादा यात्रियों का दबाव पिक सीजन में प्रतिदिन

-85 हजार यात्री आते हैं यहां हर दिन

-95 ट्रेनें गुजरती हैं प्रतिदिन  

- 102 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं शनिवार और मंगलवार के दिन

बोले अधिकारी : कुछ दिन पहले आतंकी खतरों को लेकर लोकल सूचना मिली थी। इसको देखते हुए चौकसी बरती जा रही है।  कैंट स्टेशन पहले से ही हाई सिक्योरिटी जोन में शामिल है। -आनंद मोहन सिंह, निदेशक कैंट रेलवे स्टेशन।

बोले अधिकारी : होली पर यात्रियों की भीड़ बढ़ जाती है। साथ में लोकसभा चुनाव भी है। सुरक्षा को देखते हुए मुख्यालय को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है। हालांकि सतर्कता बरती जा रही है और संदिग्ध व्यक्ति दिखाई पडऩे पर उनसे पूछताछ की जा रही है।  -अनूप सिन्हा, आरपीएफ इंस्पेक्टर


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