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वाराणसी में पुलिस भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी और साल्वर गिरफ्तार, पुलिस जोड़ रही कड़‍ियां

चितईपुर थाना क्षेत्र के करौंदी स्थित एक इंस्टीट्यूट में पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली का प्रयास करने के मामले में सोमवार को चितईपुर पुलिस ने अभ्यर्थी व साल्वर का गिरफ्तार किया है। दरोगा पद पर भर्ती के लिए 10 लाख रुपये का सौदा हुआ था।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 10:23 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 10:23 AM (IST)
वाराणसी में पुलिस भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी और साल्वर गिरफ्तार, पुलिस जोड़ रही कड़‍ियां
सोमवार को चितईपुर पुलिस ने अभ्यर्थी व साल्वर का गिरफ्तार किया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। नीट फर्जीवाड़ा का प्रकरण समाप्‍त भी नहीं हो सका था कि अब पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली का प्रयास करने का मामला वाराणसी में सामने आ गया। चितईपुर थाना क्षेत्र के करौंदी स्थित एक इंस्टीट्यूट में पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली का प्रयास करने के मामले में सोमवार को चितईपुर पुलिस ने अभ्यर्थी व साल्वर का गिरफ्तार किया है। दरोगा पद पर भर्ती के लिए 10 लाख रुपये का सौदा हुआ था। परीक्षा के दौरान ही संदेह होने पर दोनों को पकड़ लिया गया। इनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी व कूट रचना करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि प्रयागराज के कौंधियारा थानांतर्गत भिचकुरी मैदा निवासी आरोपित अभ्यर्थी विद्या शंकर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह जानसेनगंज लीडर रोड स्थित स्नेह टाइपिंग सेंटर में टाइपिंग सीखता था। वहीं पर नैनी, प्रयागराज निवासी शैलेंद्र चौधरी व फूलपुर, प्रयागराज निवासी महेंद्र पासवान से मुलाकात हुई। दोनों से उसकी पुलिस भर्ती परीक्षा पास कराने के लिए 10 लाख रुपये में सौदा हुआ था। सोमवार को करौंदी स्थित एजीएम इंफोटेक सेंटर में उसकी परीक्षा थी। उसका काम था कि प्रवेश पत्र लेकर अभ्यर्थी सीट पर अपना थंब इम्प्रेशन दे देता। उसके बाद बिहार के गया के धनगाई थानांतर्गत आरोपित विश्वजीत आकर परीक्षा देता, जिससे फिजिकल में मेरा थंब सही रहता और कोई दिक्कत नही होती।

आरोपित विश्वजीत ने पूछताछ में पुलिस को बताया जब अभ्यर्थी जब थंब इंम्प्रेशन लगाकर बाहर निकलता तो उसके प्रवेश पत्र पर अपनी फोटो व फर्जी आधार कार्ड लेकर उसकी जगह परीक्षा देता। इसके लिए उसे 20 हजार रुपये मिलते, लेकिन इसके पहले वह संदेह होने पर पकड़ लिया गया। एसीपी के मुताबिक पूछताछ में शैलेन्द्र चौधरी व महेंद्र पासवान के अलावा नालंदा, बिहार निवासी दीपक व दिनेश ड्राइवर का नाम प्रकाश में आया है। पुलिस इनकी तलाश कर रही है। दरअसल नीट में भी जो फर्जीवाड़ा हुआ उसकी कड़‍ियां अन्‍य परीक्षाओं से भी जुड़ रही हैं। इस लिहाज से नीट से उपजा फर्जीवाड़ा अब सुरसा की तरह मुह फैला चुका है।  


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