Move to Jagran APP

कैंसर व साइटिका मरीजों के दर्द आसानी से होंगे दूर, बीएचयू में जल्द शुरू होगी सुविधा

दर्द से कराहते कैंसर व साइटिका मरीजों की सिसकियां अब नहीं सुनाई देंगी। मर्ज तो समय पर खत्म होगा, लेकिन असहनीय दर्द झेल रहे मरीजों के दर्द दूर हो सकेंगे।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 11:31 AM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 11:31 AM (IST)
कैंसर व साइटिका मरीजों के दर्द आसानी से होंगे दूर, बीएचयू में जल्द शुरू होगी सुविधा
कैंसर व साइटिका मरीजों के दर्द आसानी से होंगे दूर, बीएचयू में जल्द शुरू होगी सुविधा

वाराणसी (जेएनएन) । दर्द से कराहते कैंसर व साइटिका मरीजों की सिसकियां अब नहीं सुनाई देंगी। मर्ज तो अपने समय पर ही खत्म होगा, लेकिन इस दौरान असहनीय दर्द झेल रहे मरीजों के दर्द दूर हो सकेंगे। यह सब होगा 'स्पाइनल कॉर्ड स्टीमुलेशन' विधि से, जिसे बीएचयू हॉस्पिटल का पेन क्लिनिक जल्द शुरू करने जा रहा है। इस विधि में स्पाइनल कॉर्ड (रीढ़ की हड्डी) में एक वायर (कैथेटर) डाला जाता है। इसमें एक छोटी बैटरी होती है, जिसकी वजह से निश्चित समयांतराल पर करेंट के छोटे-छोटे झटके पास होते रहते हैं। करेंट के कारण स्पाइन में ओपिऑयड की तरह का रासायनिक पदार्थ रिसने लगता है। यह गुण में मारफीन के समान है, जो मरीज को दर्द से आराम दिलाता है। इसे जरूरत के हिसाब से 2 से 10 वर्ष तक के लिए मरीज के स्पाइन में फिक्स किया जाता है, जिसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। 

loksabha election banner

अर्थराइटिस के लिए कारगर है 'पीआरपी' 

पेन क्लिनिक इंजार्च प्रो. अनिल कुमार पासवान बताते हैं कि पीआपी (प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा) विधि में मरीज के शरीर से रक्त निकाल कर प्लाज्मा अलग कर लिया जाता है। इसे घुटने के लगभग आधे से अधिक घिस चुके जोड़ों के बीच डाल दिया जाता है। धीरे-धीरे टिश्यू दोबारा बनने लगते हैं और मरीज को पूरी तरह आराम मिल जाता है। 

देश में सिर्फ तीन पेन क्लिनिक

पेन क्लिनिक में ट्राइजेमिनल न्यूरॉल्जिया, पैनक्रियाइटिस, कैंसर पेन, पेट का कैंसर, पेल्विस कैंसर, गॉल ब्लेडर, पेट में किसी तरह के कैंसर सहित स्पाइनल पेन से छुटकारा मिलता है। प्रो. पासवान बताते हैं कि देश में एम्स-दिल्ली, एसजीपीजीआई व बीएचयू हास्पिटल में ही पेन क्लिनिक की सुविधा है, जबकि उपयोगिता के आधार पर इसकी संख्या को बढ़ाने की जरूरत है। प्रो. पासवान के अनुसार एनेस्थीसिया विशेषज्ञ अंडर एक्स-रे निडिल के जरिए दर्द वाले अंग के पास से उस नर्व को ब्लॉक कर देते हैं, जो दिमाग को दर्द के संकेत भेजता है। वहीं ट्राइजेमिनल न्यूरॉल्जिया के केस में चेहरे के पास से निडिल सीधे मस्तिष्क तक ले जाते हुए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। इससे मरीज ओपेन ब्रेन सर्जरी से बच जाता है और उसे तुरंत आराम मिल जाता है। 

बोले चिकित्‍सक : बीएचयू हास्पिटल के पेन क्लिनिक को लेकर लोगों में जागरुकता का अभाव है, जबकि इसका प्रभाव व्यापक और बहुत ही कारगर है। फिलहाल सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को चलने वाले ओपीडी में मरीजों की संख्या सीमित है। - प्रो. अनिल कुमार पासवान (पेन क्लिनिक इंजार्च-बीएचयू हॉस्पिटल)।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.