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Internet पर छाया Covid-19 से सावधानीपूर्वक निपटने का अभियान, पांच सप्ताह में दस मिलियन से ज्यादा लोग जुड़े

इन्टरनेट पर छाया कोविड 19 से सावधानीपूर्वक निपटने का अभियान पांच सप्ताह में दस मिलियन से ज्यादा लोग जुड़े।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 02:27 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 02:58 PM (IST)
Internet पर छाया Covid-19 से सावधानीपूर्वक निपटने का अभियान, पांच सप्ताह में दस मिलियन से ज्यादा लोग जुड़े
Internet पर छाया Covid-19 से सावधानीपूर्वक निपटने का अभियान, पांच सप्ताह में दस मिलियन से ज्यादा लोग जुड़े

वाराणसी, जेएनएन। जिले की सामाजिक संस्थाओं ने सोशल मीडिया पर भी कोरोना वायरस से जागरूकता की अलख छेड़ रखी है। कोविड 19 जैसी महामारी के समय में मानसिक स्वास्थ्य, भय, फेक न्यूज़ के प्रसार आदि जैसी समस्याओं से निपटने हेतु उत्तर प्रदेश में एक अनूठा प्रयोग करते हुए अंतर्धार्मिक नेताओं की एक टोली इन्टरनेट पर धूम मचा रही है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख और इसाई समाजों से एक एक धार्मिक नेतागण ने मिलकर इन्टरनेट और सामुदायिक रेडिओ को एक नए सामुदायिक इबादतगाह में तब्दील कर दिया है, जहां अब तक जरुरी संदेशों के साथ जारी किये गए इन चार धार्मिक नेताओं के वीडियो ने पिछले 5 हफ़्तों में कूल दस मिलियन से अधिक लोगों को आकर्षित किया है। अंतर्धार्मिक नेताओं को एक मंच पर लाकर आम लोगों के समस्याओं का हल खोजने, मानसिक स्वास्थ्य जैसी परेशानियों से लड़ पाने के लिए जरुरी नैतिक साहस देने आदि के लिए इस अभियान का संयोजन 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान के साथ क्लाइमेट एजेंडा ने किया है।

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अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए आयोजक क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर ने बताया “कोविड 19 और लॉक डाउन से उपजी समस्याओं के निस्तारण हेतु समाज के साथ यह पहलकदमी अनिवार्य महसूस हुई, क्योंकि जहां एक ओर सोशल डिस्टेन्सिंग इस महामारी से बचने के लिए जरुरी था, वही दूसरी ओर इसने लाखों करोड़ों परिवारों को आपसी अलगाव और अवसाद का शिकार भी बनाया। सार्वजनिक पटल पर फेक न्यूज़ ने भी कब्जा जमाया और ऐसी सूचनाएं भी सोशल मीडिया में तैरने लगीं जिनका सत्यापन संभव नहीं था। इस वजह से असामान्य भय का वातावरण भी बन रहा था।  इन विषम परिस्थितियों को देखते हुए 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान से जुड़े संगठनों ने यूपी में सोशल मीडिया के माध्यम से सकारात्मक पहल कराने की योजना बनाई और धार्मिक गुरुजनों को इस अभियान के केंद्र में रख कर प्रदेश की लगभग बीस करोड़ आबादी तक सकारात्मकता और उम्मीदों से भरे नैतिक सन्देश पहुंचाने की जिम्मेदारी ली।’

एकता शेखर ने आगे बताया “धर्म के प्रति गहरी निष्ठा और लॉक डाउन के दौरान सोशल मीडिया पर जबरदस्त सक्रियता के कारण इन चार धार्मिक गुरुजनों के अब तक जारी 20 लघु वीडियो ने इन्टरनेट पर धूम मचा दी है। अब तक लगभग 10 मिलियन से अधिक लोगों तक पहुंचे इन वीडियो संदेशों को उनमे से अधिकाँश लोगों ने पसंद किया है और अपने मित्रों के बीच साझा करते हुए ऐसे और नए वीडियो डालने की मांग की है।”

सभी वीडियो में जारी संदेशों के बारे में एकता ने बताया “अब तक धर्म गुरुओं ने धार्मिक घटनाओं के हवाले से स्वास्थ्य और समाज के बारे में विस्तार से बात की है, जिसमे महामारी के समय सामाजिक दूरी, नियमित साफ़ सफाई, बच्चों और बूढों की विशेष देखभाल, जरूरतमंद लोगों की सहायता, प्रवासी मजदूरों की मदद, कारखाने और प्रतिष्ठान आदि के मालिकों से कर्मचारियों की नौकरी बनाये रखने की अपील, क्वारंटीन किये गए या कोरोना से ग्रसित लोगों के प्रति सहानुभूति बरतने सम्बंधित सन्देश प्रमुख रूप से शामिल हैं।

लॉक डाउन में केंद्र सरकार द्वारा थोड़ी ढील दिए जाने के बाद अब अंतर्धार्मिक गुरुजनों की ओर से आम जनता के लिए पर्यावरण को बचाए रखने और समृद्ध करने के सन्देश के साथ 20 और वीडियो बनाये जाने की योजना है। ज्ञात हो कि लॉक डाउन के दौरान देश में पर्यावरण काफी बेहतर हो गया था, हवा और पाने में मौजूद प्रदूषण की मात्रा काफी कम हो गयी थी. एकता ने बताया कि धर्म हमें कण कण में इश्वर, अल्लाह, वाहेगुरु और यीशु का मौजूद होना बताता है और विज्ञान यह बताता है कि इन्ही कणों से हमारी प्रकृति का निर्माण होता है। महामारी ख़त्म होने के बाद विज्ञान और धर्म के इस सामंजस्य को प्रकृति सम्वर्धन अभियान के मूल उद्देश्य के रूप में जारी रखा जाएगा।


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