Move to Jagran APP

मेट्रो प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में, अब केबल कार पर जोर, राइट्स को सर्वे व डीपीआर का जिम्मा

काशी में मेट्रो रेल परियोजना फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। अब यहां विकल्प के रूप में हल्के परिवहन केबल कार के संचालन की संभावना तलाशी जा रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 07:41 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 07:00 AM (IST)
मेट्रो प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में, अब केबल कार पर जोर, राइट्स को सर्वे व डीपीआर का जिम्मा
मेट्रो प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में, अब केबल कार पर जोर, राइट्स को सर्वे व डीपीआर का जिम्मा

वाराणसी (जेएनएन) । काशी में मेट्रो रेल परियोजना फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। अब यहां विकल्प के रूप में हल्के परिवहन केबल कार के संचालन की संभावना तलाशी जा रही है। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने वाली फर्म राइट्स को ही यहां रोपवे के लिए सर्वे की जिम्मेदारी दी गई है। 

loksabha election banner

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मेट्रो चलाने के लिए दो साल से कवायद चल रही है लेकिन डीपीआर तैयार होने के बाद योजना आगे नहीं बढ़ सकी। चार अक्तूबर को राइट्स द्वारा वीडीए में मेट्रो पर प्रस्तुतिकरण देना था लेकिन वह भी नहीं हुआ, बल्कि वाराणसी में हल्के वैकल्पिक परिवहन के तौर पर रोपवे और केबल कार पर विचार होने लगा। शासन द्वारा एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) को इसके लिए स्टडी कराने का जिम्मा दिया गया। एलडीए ने वीडीए को इस बाबत पत्र लिखा मगर वीडीए के वीसी ने अलग किसी फर्म से स्टडी कराने का औचित्य नकार दिया।

इसके बाद पिछले हफ्ते 17 अक्तूबर को लखनऊ में प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन ने बैठक की जिसमें मेट्रो रेल के लिए डीपीआर तैयार करने वाली फर्म राइट्स को ही केबल कार के संचालन के लिए भी सर्वे कर डीपीआर तैयार करने को कहा गया। जल्द ही राइट्स की टीम वाराणसी आकर सर्वे का काम शुरू करेगी। केबल कार का संचालन मेट्रो ट्रेन से 10 गुना कम लागत पर हो सकेगा।

अभी पर्यटन में होता है रोपवे का इस्तेमाल

सार्वजनिक परिवहन के तौर पर केबल कार या रोपवे का संचालन भारत के लिए एकदम नया प्रोजेक्ट है। फिलहाल तो यहां रोपवे का इस्तेमाल सिर्फ पर्यटन में होता है और वो भी ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में। अगर वाराणसी में केबल कार का वैकल्पिक परिवहन के तौर पर संचालन होता है तो यह बड़ी बात होगी, और सफलता मिलने पर अन्य जिलों में भी इसे चलाने पर विचार किया जा सकेगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.