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देश के नेता गरीब के बच्चों को डॉक्टर इंजीनियर नही बनाना चाहते : ओमप्रकाश राजभर

कोन ब्लाक के निर्माण के लिए शनिवार को सुहेल देव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर का आगमन कोन बस स्टैंड के समीप हुआ।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 06:34 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 06:34 PM (IST)
देश के नेता गरीब के बच्चों को डॉक्टर इंजीनियर नही बनाना चाहते : ओमप्रकाश राजभर
देश के नेता गरीब के बच्चों को डॉक्टर इंजीनियर नही बनाना चाहते : ओमप्रकाश राजभर

सोनभद्र, जेएनएन। कोन ब्लाक के निर्माण के लिए शनिवार को सुहेल देव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर का आगमन कोन बस स्टैंड के समीप हुआ जहां उन्होंने ग्रामीणों को सम्बोधित किया। कहा कि बीमार व्यक्ति को दवा की जरूरत पड़ती है ठीक उसी प्रकार आप लोगों को ब्लाक चाहिए तो सब कागज लेकर आपको लखनऊ आना पड़ेगा। मुझे तो मालूम नही था कि आप लोग 25 वर्ष से ब्लाक की लड़ाई लड़ रहे हैं वैसे में वादा नही कर रहा हूं लेकिन आपलोग को विश्वास दिलाता हूं कि 2022 में बिना मेरे सहयोग से सरकार नहीं बनेगी। मैं ही कोन का ब्लाक का उद्घाटन करने हेलीकाप्टर से आऊँगा।

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कहा कि प्रधानमंत्री हमारी नहीं सुन रहे हैं, जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सवर्ण आरक्षण लागू किये तो पिछड़ी जाति पर मैं भी 56 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा हूं। सरकार जाति वर्ग में आरक्षण का बंटवारा करे वहीं चुनाव के समय प्रधानमंत्री ने गुजरात मॉडल बनाने के लिए प्रचार किया था तो आज तक उत्तर प्रदेश को क्यों नही बनाया।गुजरात में शराबबंदी है तो यहां क्यों नहीं लागू होगा, इधर बिहार व पुडुचेरी में भी शराब बंद है। शराब बंद होने से गरीबी दूर होगी यह बात लोगों से हाथ उठा कर पूछा। अपने सम्बोधन में कहा कि कोई भी नेता यह नहीं चाहता कि आप गुलामी की जंजीर से आगे निकलें। क्योंकि अगर शराब बंद होगा तो आपके बच्चे पढ़ लेंगे और आप जागरूक हो जायेंगे। हमने मुख्यमंत्री से भी कहा कि आपने हमसे वादा किया था कि लड़कियों की पढ़ाई ग्रेजुएशन तक व लड़कों की इंटरमीडिएट तक फ्री होगी। लेकिन आज तक लागू नहीं किया।

यही नही प्राइमरी स्कूल में अध्यापकों की कमी है इसकी भर्ती के लिए हमने मुख्यमंत्री से कहा तो बोले हमारे पास बजट नहीं है। कहा कि हमने उनसे कहा कि अध्यापक की भर्ती ट्रायल बेस पर कीजिए। पहले साल 10 हजार दूसरे साल 15 तीसरे साल 20 हजार यानी अगर आप बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे तो इसी तरह 5 साल तक तनख्वाह बढ़ोतरी होगी और पांच साल के बाद आपको स्थाई नियुक्ति मिल जाएगी वहीं उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों की पढ़ाई पर भी सवाल उठाया कहा कि किसी भी अधिकारी या नेता के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने नहीं जाते हैं। जाते हैं तो गरीब के बच्चे और वहां उन्हें पढ़ाई नही भिखारी बनाया जाता है। क्योंकि उनको थाली लेकर स्कूल जाना है और थाली लेकर खिचड़ी के लिए लाइन में लगना है और उसके बाद उनको अपनी थाली खुद से धोना है इतने में 3 बज जाते हैं और छुट्टी हो जाती है।

यही नही जब अफसर का बेटा क से कम्प्यूटर बोलता है तो गरीब का बच्चा क से कबूतर बोलता है। हमने मुख्यमंत्री जी से कोचिंग सेंटर भी गरीबो के लिए खोलने के लिए कहा लेकिन हर नेता गरीब के बच्चों को डॉक्टर इंजीनियर नही बनाना चाहते। जिससे उसकी गुलामी कौन करेगा अगर इस बात से लोग मुझे मंत्री पद से हटा भी देवे तो कोई बात नही। हम तो मंत्री पैदा करते है हम गरीबो के लिए मंत्री पद भी त्यागने के लिए तैयार हैं। वैसे भी 24 तारीख को इस्तीफा दे दिया था लेकिन मुख्यमंत्री जी ने स्वीकार नही किया। अभी सड़क पर रसोइयाें ने घेर लिया और अपनी समस्या बताने लगे तो मुझे भी कष्ट हुआ क्योंकि जब भाजपा सबका साथ सबका विकास कहती है तो मनरेगा की मजदूरी 175 रुपये तो रसोइया की मजदूरी 33 रुपये क्यों।

सिपाहियों पर बोले कि सत्ता में बैठे लोग कहते है कि भ्रष्‍टाचार दूर कर देंगे, हमने कहा कि आप सिपाही को साइकिल भत्ता देते हैं क्या कहीं थाने में सिपाही साइकिल से चलता है। नही तो साइकिल भत्ता क्यो हमने 3000 का मोटरसाइकिल भत्ता के लिए कहा तो सरकार ने मात्र 100 से बढ़ा कर दो सौ कर दिया जब कि 200 रुपये दो दिन में खत्म हो जाएगा तो 28 दिन कैसे ड्यूटी करेगा। महागठबन्ध पर कहा कि हारे हुए पार्टी अपनी जुगाड़ कर रही है कि किसी तरह सत्ता मिल जाये वही कांग्रेस के सवाल पर कहा कि कांग्रेस 40 साल तक गरीबी रेखा व जाति में बांट कर सत्ता चलाई है। अब हर नागरिक जागरूक हो गया है वहीं सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर कहा कि सेना ने जो किया वह बधाई के पात्र हैं उनको सलाम। वही पार्टी के समक्ष पांच प्रमुख मांगें भी रखी। 


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