इंडिया कारपेट एक्सपो से लौटेगी भदोही व मीरजापुर के व्यवसाय की रौनक, प्रथम मेगा शो की तैयारियों में जुटे निर्यातक
एक्सपो मार्ट भदोही में 15 अक्टूबर से शुरू होने वाले इंडिया कारपेट एक्सपो-22 को लेकर उद्यमियों में उत्साह है। पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेले का आयोजन भदोही में होने से निर्यातक इसे व्यवसाय के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं। सभी इसकी तैयारी में जुट गए हैं।
भदोही, जागरण संवाददाता। एक्सपो मार्ट भदोही में 15 अक्टूबर से शुरू होने वाले इंडिया कारपेट एक्सपो-22 को लेकर उद्यमियों में उत्साह है। पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेले का आयोजन भदोही में होने से निर्यातक इसे व्यवसाय के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं। कहा जा रहा है कि मेला आयोजन से भदोही-मीरजापुर परिक्षेत्र की पुरानी रौनक लौटेगी।
कालीन के साथ साथ दम तोड़ से अन्य व्यवसाय भी पटरी पर आने की उम्मीद जग गई है। यही कारण है कि जनपद में होने वाले प्रथम मेगा शो की तैयारियों में लोग जुट गए हैं। निर्यातकों का मानना है कि भदोही में कालीन मेले का सफल आयोजन प्रदेश का मस्तक ऊंचा करेगा। कालीन निर्यात के क्षेत्र में पिछड़ा उत्तर प्रदेश न सिर्फ पहले नंबर पर काबिज होगा बल्कि कालीन के क्षेत्र में भदोही का वर्चस्व फिर से कायम होगा। दरअसल कालीन उद्योग के करीब ढाई सौ साल के इतिहास में पहली बार उत्तर प्रदेश कालीन निर्यात के क्षेत्र में पिछड़ा है। इसकी प्रतिपूर्ति के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है।
भदोही में होने वाला कालीन मेला भदोही के साथ साथ प्रदेश की खोई हुई प्रतिष्ठा का वापस लाने में सफल होगा। जनपद के वरिष्ठ निर्यातकों को विश्वास है कि लंबे इंतजार के बाद भदोही में आयोजित इंडिया कारपेट एक्सपो-22 उद्योग के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित होगा।
25 फीसद पर सिमटा भदोही का निर्यात
वर्तमान समय प्रदेश के निर्यात में कालीन उत्पादों की भागीदारी 2.5 फीसद है। वित्तीय वर्ष 20-21 में 4.042 करोड़ के सापेक्ष 21-22 में 4.922 करोड़ का प्रदेश से निर्यात किया गया। इसमें भदोही की भागीदारी 3.622 करोड़ है। जबकि एक दशक पहले के निर्यात आंकडों पर गौर करें तो देश से होने वाले कालीन निर्यात में उत्तर प्रदेश की भागीदारी 55 से 60 फीसद होती थी। इसमें अकेले 50 फीसद भदोही का योगदान होता था। वर्तमान समय भदोही की निर्यात भागीदारी 25 फीसद पर सिमट गई है। 2020-21 के सापेक्ष प्रदेश के कालीन निर्यात में 900 सौ करोड की बढ़ोतरी हुई है लेकिन कालीन उत्पादन के जन्मदाता भदोही का निर्यात घट गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि कालीन मेले का आयोजन उद्योग को संजीवनी दे सकता है।
दशकों का सपना सच होने के करीब
भदोही में कालीन मेले का सपना दशकों पहले देखा गया था। इसके लिए सीईपीसी व एकमा द्वारा लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था। अब यह सपना सच होने के करीब है। मेले का सफलतापूर्वक आयोजन कालीन उद्योग के साथ भदोही जनपद के लिए बेहद जरूरी है। एक बार विदेशी मेहमानों का आवागमन शुरू हुआ तो भदोही की खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पाने में देर नहीं लगेगी।
-उमेश गुप्ता, पूर्व सदस्य प्रशासनिक समिति (सीईपीसी)।
भदोही के साथ पूरे पूर्वांचल को होगा लाभ
भदोही में 15 अक्टूबर से आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला भदोही के साथ साथ पूर्वांचल के लिए लाभदायक साबित होगा। जब ढाई सौ से तीन सौ विदेशी ग्राहक भदोही की धरती पर कदम रखेंगे तो सिर्फ कालीन उद्योग ही नहीं कालीन उत्पादन से जुड़े अन्य व्यवसायी भी लाभान्वित होंगे। छोटे व मझोले निर्यातकों को भी इसका लाभ मिलेगा। प्रयास किया जाएगा कि मेले के बाद भी मार्ट में व्यवसायिक गतिविधियां जारी रहें ताकि इसका सदुपयोग किया जा सके।
-वासिफ अंसारी, सदस्य प्रशासनिक समिति (सीईपीसी)।