सोशल मीडिया में जनता का बजट 'बिगड़ा'
जागरण संवाददाता, वाराणसी : बजट पेश होने के साथ सोशल मीडिया में चर्चाओं का बाजार भी चढ
जागरण संवाददाता, वाराणसी : बजट पेश होने के साथ सोशल मीडिया में चर्चाओं का बाजार भी चढ़ने लगा। हालांकि आभासी दुनिया में बजट का जायका फीका रहा। बजट में हर वर्ग ने अपने-अपने हिसाब से नफा-नुकसान देखा और 'पोस्टी' परिचर्चा में उठा फेका। कहीं किसी ने सरकार की चुटकी ली तो किसी ने जायका बिगाड़ने वाला करार दिया। खेती-किसानी करने वालों से कहीं अधिक मध्यम वर्ग से भरा-पूरा सोशल मीडिया संसार टैक्स में छूट की आस लगाए बैठा था, उसे बजट ने अधिक निराशा दी। बजट का जिसने जैसा अनुभव किया उसी भाव में पोस्ट जारी कर अपने विचारों को साझा किया।
ट्विटर पर जहां बजट 2018 शीर्ष ट्रेंड में दिनभर बरकरार रहा, वहीं वाराणसी सहित समूचे पूर्वाचल में भी यूजर्स में बजट से सुबह तक आस रही। मगर बजट पेश होने के बाद यह निराशा भी लोगों के पोस्ट में देखने को मिली।
बोले काशी के यूजर
वाराणसी को हैश टैग करते हुए नीतीश राय ने बुनकरों के स्वास्थ्य और योजनाओं के लाभ को मुद्दा बनाकर सरकार के बजट को काशी के लिहाज से निराशाजनक बताया। वहीं काशी में रेशमी तागा संघ उपाध्यक्ष पवन अग्रवाल के हवाले से जारी एक पोस्ट में बजट को निराशाजनक बताते हुए मध्यम वर्ग पर सेस का बोझ और बनारसी साड़ी व कालीन के लिए कुछ न मिलने पर भी निराशा व्यक्त की गई है।
इसके अतिरिक्त युवाओं की ओर से भी बजट से खास हासिल न होने पर कहीं सरकार से पकौड़े बेचने की अपेक्षा पर रोष जताया गया तो कहीं सरकार द्वारा युवाओं की उपेक्षा को राजस्थान उपचुनाव परिणाम से जोड़ा। वहीं महिलाओं की ओर से भी आयातित वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी किए जाने से निराशा भरे पोस्ट और परिचर्चाएं होती रहीं।