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Mirjapur में खेत समतलीकरण के समय मिले ब्रिटिशकालीन चांदी के सिक्के, मटकी में भरकर दबाए थे

मीरजापुर के चुनार क्षेत्र के सोनउर गांव में खेत के समतलीकरण के दौरान चांदी के सिक्के मिलने की खबर के बाद प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अपने सामने खोदाई कराई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 08:36 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 08:36 PM (IST)
Mirjapur में खेत समतलीकरण के समय मिले ब्रिटिशकालीन चांदी के सिक्के, मटकी में भरकर दबाए थे
Mirjapur में खेत समतलीकरण के समय मिले ब्रिटिशकालीन चांदी के सिक्के, मटकी में भरकर दबाए थे

मीरजापुर, जेएनएन। चुनार क्षेत्र के सोनउर गांव में खेत के समतलीकरण के दौरान चांदी के सिक्के मिलने की खबर के बाद प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अपने सामने खोदाई कराई। इस दौरान ब्रिटिशकाल के विभिन्न वर्षों में निर्मित सात चांदी के विक्टोरिया सिक्के मिले। मौके पर मौजूद एसडीएम जंग बहादुर यादव ने बताया कि मामले के संबंध में जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है। विभिन्न पहलुओं पर जांच कराई जा रही है। मौके पर सैकड़ों की भीड़ तमाशबीन बनी रही और ग्रामीण खजाना दबे होने की अटकलें लगा रहे थे। फिलहाल मौके पर पुलिस ने किसी भी गतिविधि पर रोक लगा दी है।

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सोनउर गांव में हुई इस घटना को गांव वालों ने छिपाए रखा। इसके बाद किसी ने पुलिस को फोन कर सूचना दी कि गांव के मोती पाल के खेत में दोपहर को खोदाई के दौरान चांदी के सिक्कों से भरी मटकी मिली है। इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई और नायब तहसीलदार नटवर सिंह, सीओ सुशील कुमार यादव, प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार मिश्रा सदल बल मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों से वस्तु स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद फिर से जेसीबी बुलाकर पुन: उसी खेत की खोदाई शुरू कराई गई। जिसमें मौके से सात चांदी के विक्टोरिया सिक्के बरामद हुए। थोड़ी देर बाद एसडीएम जंगबहादुर यादव भी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान खेत स्वामी, जेसीबी चालक समेत अन्य गांव वालों से भी पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान गांव वालों ने बताया कि गुरुवार की दोपहर में सिक्कों से भरे मटकी निकली थी। जिसका हल्ला होने पर आसपास की बस्ती वाले पहुंच गए और कईयों ने कई सिक्के मौके से गायब भी कर दिया। वहीं लोगों का ये भी कहना है कि खेत स्वामी भी बड़ी मात्रा में सिक्के अपने साथ ले गया। हालांकि मोती पाल लगातार इस बात से इन्कार करता रहा। उसका कहना था कि वह एक भी सिक्का नहीं ले गया। पुलिस का कहना है कि विभिन्न बिंदुओं पर जांच की जा रही है और सिक्कों की रिकवरी का प्रयास कर रही है।

विभिन्न वर्षों के हैं सातों सिक्के

मौके से मिले सफेद धातु के ब्रिटिशकालीन सिक्कों पर वर्ष 1862, 1877, 1878, 1900, 1901, 1904 व 1905 का वर्ष अंकित है और ब्रिटानिया हुकूमत के तत्कालीन राजाओं के चित्र बने हुए हैं। एसडीएम जंगबहादुर यादव ने बताया कि मामले के संबंध में राजस्व व पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी और बरामद किए गए सातों सिक्के राजकीय कोषागार में जमा करा दिए जाएंगे।

पुलिस ने की भू-स्वामी और जेसीबी चालक से पूछताछ

मामले के संबंध में पुलिस ने भू-स्वामी मोती पाल और गांव के ही जेसीबी चालक चंदन से पूछताछ की। दोनों के बयानों को आधार बनाकर पुलिस अन्य सिक्कों की रिकवरी का प्रयास कर रही है।

आज जहां खेत है 1936 में वहां हुआ करती थी बस्ती

जिस खेत की खोदाई के दौरान सिक्कों के मिलने की बात सामने आई है कभी वहां बस्ती हुआ करती थी। जिसकी तस्दीक पास में स्थित बंजारा कुआं भी कर रहा था। इस बारे में मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि यहां पहले बस्ती हुआ करती थी और लोगों के कच्चे मकान थे। वर्ष 1936 में आई भीषण बाढ़ के दौरान पूरी बस्ती तबाह हो गई और बस्ती के लोगों दक्षिण ओर करीब चार सौ मीटर दूर अपने आशियाने बना लिए और बाद में यहां खेती होने लगी। मौके पर भगवान दास पाल, जगन्नाथ पाल और बैजनाथ पाल तीन भाईयों की तीसरी पीढ़ी खेती बारी कर रही है। भगवान दास पाल के पौत्र मोती पाल का कहना था कि उसका खेत थोड़ी ऊंचाई पर है जहां पानी चढ़ाने में समस्या आ रही थी उसी के समतलीकरण के लिए जेसीबी से लेबङ्क्षलग कराई जा रही थी। वह कुएं के पास ही कुछ लोगों के साथ बैठा था उसी समय सिक्के निकलने के बाद जेसीबी चालक चंदन ने काम रोक दिया था।


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