Move to Jagran APP

श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर से शिफ्ट होगी अंग्रेजों के जमाने की सीवर लाइन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर के दायरे में आने वाली सभी सीवर लाइनों को शिफ्ट किया जाएगा।

By Vandana SinghEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 07:18 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 06:11 PM (IST)
श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर से शिफ्ट होगी अंग्रेजों के जमाने की सीवर लाइन
श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर से शिफ्ट होगी अंग्रेजों के जमाने की सीवर लाइन

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर के दायरे में आने वाली सभी सीवर लाइनों को शिफ्ट किया जाएगा। यह सीवर लाइनें अंग्रेजों के जमाने में बनाई गई थीं। यह चुनौती भरा कार्य है जिसे जलकल विभाग के तकनीकी विशेषज्ञों ने अंजाम तक ले जाने की ठानी है।

loksabha election banner

वर्ष 1827 में जेम्स प्रिंसेप ने शाही नाले के नाम से प्रचलित सीवर लाइन को आकार दिलाया था। अंग्रेजों के जमाने की बनी इन सीवर लाइनों को हटाने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। इसी के साथ कारिडोर से गुजरी पेयजल पाइपों को भी शिफ्ट किया जाएगा। ब्लू प्रिंट बनाने से लेकर हटाने तक की जिम्मेदारी जलकल के महाप्रबंधक नीरज गौड़ ने अधिशासी अभियंता सिद्धार्थ कुमार को दी है। सिद्धार्थ कुमार बताते हैं कि सीवर की मेन लाइन को कारिडोर से बाहर से गुजारा जाएगा जबकि ब्रांच लाइनों को बंद दिया जाएगा। करीब 15 फीट गहरी सीवर लाइनों को हटाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों का सहारा लिया जा रहा है। बताया कि कारिडोर में करीब 276 मकान हटाए गए हैं जबकि 22 मकान और हटने हैं। इन मकानों शौचालयों का कनेक्शन सीवर लाइन में हुए थे। कारिडोर का कुल क्षेत्रफल करीब 5.3 लाख वर्ग फीट है। इस बड़े क्षेत्र में मलबे के नीचे दबी सीवर लाइन को हटाना बड़ी चुनौती है। बताया कि कारिडोर में ओवरफ्लो को दुरुस्त करने के लिए करीब 15 फीट गहरी खोदाई करनी पड़ी थी। इलाके की गलियां संकरी हैं, इसलिए कार्य की चुनौती बढ़ गई है। बताया कि कारिडोर से गुजरी सीवर लाइनें शाही नाले के मेन लाइन में मिलती हैं।

24 किमी का शाही नाला

जेम्स प्रिंसेप की कल्पना के अनुसार, इसका काम वर्ष 1827 में पूरा हुआ था। इसे लाखौरी ईंट और बरी मसाला से बनाया गया था। अस्सी से कोनिया तक इसकी लंबाई 24 किलोमीटर बताई जाती है। यह अब भी अस्तित्व में है लेकिन उसकी भौतिक स्थिति के बारे में सटीक जानकारी किसी के पास नहीं है। पुरनियों के मुताबिक यह नाला अस्सी, भेलूपुर, कमच्छा, गुरुबाग, गिरिजाघर, बेनियाबाग, चौक, पक्का महाल, मछोदरी होते हुए कोनिया तक गया है।

'कोरिडोर परिक्षेत्र से सभी सीवर व पेयजल लाइनों को शिफ्ट किया जाएगा। इस दिशा में कार्य शुरू हो गया है। तकनीकी विशेषज्ञों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।'

नीरज गौंड़, महाप्रबंधक जलकल ।   

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.