जलस्तर को ऊपर लाएं, खूब पानी बचाएं
वाराणसी : दैनिक जागरण व सुबह-ए-बनारस के संयुक्त तत्वावधान में अस्सी घाट पर गुरुवार को हुए
वाराणसी : दैनिक जागरण व सुबह-ए-बनारस के संयुक्त तत्वावधान में अस्सी घाट पर गुरुवार को हुए शाम-ए-जलदान में आवासीय परिसर से जल को बाहर न जाने का संकल्प लोगों ने लिया। यह महसूस किया कि भूजल का स्तर पातालगामी होने के कारण जल के विभिन्न स्रोतों का अस्तित्व समाप्त कर देना है। लोगों ने कहा कि वे घर में सोख्ता पिट बनाकर भूजल का स्तर ऊपर उठाएंगे।
मुख्य वक्ता वेंकटेश परांकुश संस्कृत महाविद्यालय असि के प्राचार्य डॉ. विजय कुमार ने कहा कि काशी में सैकड़ों तालाब पाटकर उनपर मकान बन गए। जल स्रोतों के पाटे जाने के कारण जल संकट बढ़ा है। आज शहर का जल बहकर सीवर लाइन के माध्यम से गंगा में चला जा रहा है। यदि हम अपने आवासीय परिसर का जल बाहर न जाने दें तो भूजलस्तर अभी नीचे नहीं जाएगा। उन्होंने कहा आज भी कुएं का जल काफी मीठा और स्वस्थ्य वर्धक हो सकता है, यदि हम पृथ्वी को जलदान करें। हम जल संरक्षण के लिए सरकार पर निर्भर न रहकर स्वयं करें। हम जन जागरण करके जल संरक्षण करें।
-----
कविता में जल संरक्षण के स्वर
सकलडीहा डिग्री कालेज के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रमोद कुमार पाडेय ने अपनी कविता में जल संरक्षण के प्रति प्रेरित किया। उन्होंने पढ़ा .
तुम भी पीओ, हम भी पीएं,
ये रब की मेहरबानी है,
प्यार के कटोरे में गंगा का पानी।
तुम भी जीओ हम भी जीयें,
दो दिन की जिन्दगानी,
प्यार के कटोरे में गंगा का पानी।