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वाराणसी के ईंट भट्ठा मालिकों ने चाइना की आयातित मशीनों के बहिष्कार का लिया निर्णय

वाराणसी सहित पूर्वांचल के व्यापारियों ने करीब पांच करोड़ के चीनी उत्पादन का आर्डर कैंसिल कर दिया था। ईंट निर्माताओं ने चीन से आयत होने वाली मशीनों के बहिष्कार का निर्णय लिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 10:20 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 10:20 AM (IST)
वाराणसी के ईंट भट्ठा मालिकों ने चाइना की आयातित मशीनों के बहिष्कार का लिया निर्णय
वाराणसी के ईंट भट्ठा मालिकों ने चाइना की आयातित मशीनों के बहिष्कार का लिया निर्णय

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। गलवन घाटी में उपजे विवाद के बाद से ही हिंदुस्तान के लोगों का चीन के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आम हो या खास या फिर व्यापारी हर कोई अपनी तरह से चीन का विरोध जता रहा है। पिछले माह ही वाराणसी सहित पूर्वांचल के व्यापारियों ने करीब पांच करोड़ के चीनी उत्पादन का आर्डर कैंसिल कर दिया था। अब ईंट निर्माताओं ने चीन से आयत होने वाली मशीनों के बहिष्कार का निर्णय लिया है। आधुनिक ईंट भट्ठों में बाक्स फीडर, कनवेयर बेल्ट, रोलर क्रसर, क्ले मिक्सर, कटिंग टेबल, टेंपरेचर मीटर, ड्रायर सहित करीब 10 प्रकार की मशीनें उपयोग होती हैं, जिनकी कीमत करोड़ में है। ईंट निर्माताओं ने अब इनका बहिष्कार करते हुए चीनी मशीनें नहीं मंगाने व स्वदेशी मशीनें ही खरीदने का फैसला किया है। भले ही महंगी साबित हो।

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करीब दो साल पहले वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित हुआ था। उसी समय ईंट भट्ठा मालिकों ने नीदरलैंड को भारत में मशीनें बनाने के लिए आमंत्रित किया था। इसका असर भी हुआ। पुणे में नीदरलैंड ने अपनी इकाई बैठाई है। इसके अलावा अन्य कंपनियों ने लुधियाना, कालीकट में भी उद्योग स्थापित किया है, जहां से ईंट निर्माण में उपयोग होने वाली मशीनें बन रही हैं। कुछ साल पहले ही वाराणसी के ईंट निर्माता ओम प्रकाश बदलानी ने पहली स्वदेशी मशीन यहां मंगाई थी।

आज भी इससे ईंट का निर्माण चल रहा है। हालांकि चाइना की एक खासियत है कि वह हर साइज की मशीनें बना रहा है। इससे छोटे या बड़े व्यापारी अपनी क्षमता के अनुसार मशीनें मंगा लेते थे। वैसे अब नीदरलैंड की ही कंपनी को छोटी मशीनें बनाने का सुझाव दिया गया है, जिसपर कंपनी जुट गई है। मालूम हो कि विश्व में सबसे अधिक ईंट भट्ठे चीन में है और भारत दूसरे स्थान पर है। अब चीन के खिलाफ वाराणसी से भी आवाज उठने लगी है। देश में वाराणसी एक मात्र जिला है जो ब्रिक कलस्टर घोषित है।

चीन से आयात होने वाली मशीनें

बाक्स फीडर, कनवेयर बेल्ट, रोलर क्रसर, क्ले मिक्सर, एक्सटूडर, कटिंग टेबल, इलेक्ट्रिक कार्ट, टेंपरेचर मीटर, ड्रायर, टनल किल्न।

भट्ठा स्वामियों से स्वदेशी सामानों को बढ़ावा देने की अपील की गई

अब भारत के दुश्मन देश चीन की कोई मशीन या सामान भारतीय ईंट भट्ठों पर नहीं आएंगे। भविष्य में इस तरह का वातावरण वाराणसी से बनकर पूरे देश में जा रहा है। भारत के सभी भट्ठा स्वामियों से चाइना के सामान के चक्कर में नहीं पडऩे एवं स्वदेशी सामानों को बढ़ावा देने की अपील की गई है।

- कमला कांत पांडेय, पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय ईंट एवं टाइल निर्माता महासंघ व अध्यक्ष ईंट निर्माता परिषद


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