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सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की रफ्तार पर पांच गांवों का ब्रेक azamgarh news

उत्तर प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की धीमी प्रगति पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मंडलीय समीक्षा बैठक में असंतोष व्यक्त किया था।

By Vandana SinghEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 07:13 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 09:10 AM (IST)
सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की रफ्तार पर पांच गांवों का ब्रेक azamgarh news
सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की रफ्तार पर पांच गांवों का ब्रेक azamgarh news

आजमगढ़, [अनिल मिश्र]। उत्तर प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की धीमी प्रगति पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मंडलीय समीक्षा बैठक में असंतोष व्यक्त किया था। सरकार की मंशा है कि किसी भी हाल में इसका निर्माण 2020 तक पूरा कर लिया जाए। अन्य कार्यों की बात तो अलग एक्सप्रेस-वे के निर्माण में पांच गांवों के किसानों ने ब्रेक लगा दिया है। 

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लखनऊ से गाजीपुर तक लगभग 340 किमी लंबी एक्सप्रेस परियोजना से आजमगढ़ के चार तहसीलों के 110 गांवों के 1004.7037 हेक्टेयर भूमि आच्छादित हो रही है। इसमें 110.5555 हेक्टेयर ग्राम समाज व सरकारी भूमि का पुनग्र्रहण एवं 894.1482 हेक्टेयर किसानों की भूमि क्रय की जानी है। इसमें अब तक 104.4537 हेक्टेयर ग्रामसमाज  व सरकारी भूमि का पुनग्र्रहण हो चुका है। जबकि 6.1018 हेक्टेयर भूमि अवशेष है। किसानों से अभी 23.2244 हेक्टेयर भूमि क्रय की जानी है लेकिन चार गांवों के किसानों ने हाईकोर्ट में चायिका दायर कर दी है या कम दर पर बैनामा करने का तैयार नहीं हैं। मामला विचाराधीन होने के कारण जिला प्रशासन संबंधित गांवों के किसानों से भूमि का बैनामा नहीं करा पा रहा है।

किन चार गांवों की भूमि का नहीं हो रहा बैनामा

विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय द्वारा शासन को भेजी गई रिपोर्ट में तहसील निजामाबाद के बैरमपुर, तहसील सदर के किशुनदासपुर एवं गोधपुर के किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मामला विचारधीन है। जबकि तहसील सगड़ी के सियरहा गांव के किसानों ने कम दर मिलने के कारण भूमि बैनामा नहीं कर रहे हैं।

एक गांव में मंदिर बना बाधा

तहसील सदर के ग्राम फखरुद्दीदनपुर के ग्रामीणों ने मंदिर के प्रकरण को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण में अवरोध खड़ा कर दिया है। हालांकि प्रशासन का मानना है कि ग्रामीणों से वार्ता कर प्रकरण का शीघ्र निस्तारण करा लिया जाएगा।

यूपीडा से मिली धनराशि

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए किसानों की भूमि क्रय करने के लिए कार्यदायी संस्था यूपीडा द्वारा अब तक 1288.56 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए हैं। इसमें से अब तक 1261.22 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। जबकि व्यय के लिए 27.34 करोड़ रुपये शेष हैं।

''पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की धीमी प्रगति को लेकर मुख्यमंत्री से असंतोष व्यक्त किया था। रही बात कुछ ग्रामसमाज व सरकारी भूमि के पुनग्र्रहण और किसानों की भूमि की बैनामे की तो, उसकी प्रक्रिया चल रही है। कुछ गांवों के किसानों का प्रकरण हाईकोर्ट में  विचाराधीन है, जिसका भी समाधान जल्द से जल्द निकल जाएगा। भूमि व धनराशि की कमी जैसी कोई बाधा नहीं है।

-हरीशंकर, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी, आजमगढ़।

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