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सेना भर्ती में सेंध : गांव का सबसे अमीर और रसूखदार बनने के फेर में मक्खू बन गया जालसाज

पांच से सात लाख रुपये लेकर युवाओं को सेना में भर्ती कराने का झांसा देने वाले रविकांत यादव उर्फ मक्खू का राजफाश होने के बाद उसके गांव और आसपास के लोग सकते में हैैं। मक्खू की असलियत सामने आई तो वह सबकी नजरों से गिर गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 07:50 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 12:28 PM (IST)
सेना भर्ती में सेंध : गांव का सबसे अमीर और रसूखदार बनने के फेर में मक्खू बन गया जालसाज
ठगी के रैकेट का राज खुला तो गांव के लोगों की नजरों में भी गिर गया रविकांत

जागरण संवाददाता, चंदौली। पांच से सात लाख रुपये लेकर युवाओं को सेना में भर्ती कराने का झांसा देने वाले रविकांत यादव उर्फ मक्खू का राजफाश होने के बाद उसके गांव और आसपास के लोग सकते में हैैं। कल तक जिसे सेना का जवान समझकर लोग सिर-आंखों पर बिठाते थे, उस मक्खू की असलियत सामने आई तो वह सबकी नजरों से गिर गया। सूत्रों के मुताबिक गांव का सबसे अमीर और रसूखदार बनने के चक्कर में रविकांत उर्फ मक्खू ने गलत राह चुनी और नतीजा यह कि आज सलाखों के पीछे है।

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धानापुर के रायपुर गांव का रहने वाला जालसाज रविकांत उर्फ मक्खू कम समय में अधिक दौलत कमाने के चक्कर में युवाओं को सेना में भर्ती कराने का झांसा देता और उनसे मोटी रकम ऐंठता था। उसने पूरा गिरोह तैयार किया और खुद सरगना बन बैठा। बेहिसाब दौलत कमाई तो उसी हिसाब से शाहखर्ची भी की। उसने काली कमाई से आलीशान घर बनवाया, कार से चलने लगा। कहीं जाता तो आलीशान होटलों में ही ठहरता था। यह भी पता चला कि अक्सर उसकी शाम जिले के महंगे होटलों में बीतती थी। हर महीने वह लाखों खर्च करता था। फिलहाल पुलिस उसके और सगे-संबंधियों के बैैंक खातों की पड़ताल में जुटी है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसके पास कहां-कहां से, कब और कितना पैसा आया। इस बिंदु की भी जांच की जा रही है कि गिरोह के तार किन-किन जिलों में फैले हैैं। हालांकि उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही सकलडीहा, गाजीपुर व अन्य स्थानों पर रहने वाले उसके रिश्तेदार और परिचित जो उसके मददगार रहे, भूमिगत हो गए हैैं।

सेना भर्ती के बारे में जुटा ली थी जरूरी जानकारी

शातिर दिमाग मक्खू वर्ष 2018 में फर्जी तरीके से सेना में भर्ती हुआ और 19 सप्ताह की ट्रेङ्क्षनग भी ली। अधिकारियों की जी-हुजूरी करके उनसे संपर्क बढ़ाया और सेना में भर्ती की प्रक्रिया से संबंधित सारी जरूरी जानकारियां जुटा ली थीं। इतना ही नहीं, उसने सेना के अधिकारियों की फर्जी मुहर, नियुक्ति पत्र और दस्तावेज आदि का भी बंदोबस्त कर रखा था। इस काम में उसकी मदद करता रहा अलीनगर थाना क्षेत्र का साइबर कैफे संचालक देवेंद्र श्रीवास्तव। फर्जी नियुक्ति पत्र वही अपने साइबर कैफे में बनाता था और एक नियुक्ति पत्र बनाने के बदले मक्खू से 50 हजार रुपये लेता था।

पहले गाजीपुर के युवाओं को लिया झांसे में

पुलिस के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि सेना से निकाले जाने के बाद मक्खू ने पहले-पहल गाजीपुर के कुछ युवाओं को झांसे में लिया। सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं के बीच जाकर वह खुद को अधिकारियों का खास बताने लगा। पहली नियुक्ति के लिए उसने पांच-पांच लाख रुपये कीमत तय की। पता चला है कि पांच-पांच लाख रुपये लेकर उसने गाजीपुर के दो युवाओं को सेना में भेज दिया। वे दोनों आज भी नौकरी कर रहे हैं। इसके बाद उसने आसपास के गांवों के युवाओं को भी अपना शिकार बनाना शुरू किया।

भाई रोहित पर ही खेल दिया दांव

सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं और उनके परिवार वालों को झांसे में लेने के लिए मक्खू ने अपने सगे छोटे भाई रोहित यादव का भी फर्जी नियुक्ति पत्र बनवाया और उसे भी सबके सामने सेना का जवान बताने लगा। रोहित भी सबको भरोसा दिलाने के लिए बीच-बीच में कभी जबलपुर तो कभी उड़ीसा जाकर एक सप्ताह बाद लौट आता। इसी से युवा उसके झांसे में आने लगे थे।

बैैंक खाते की डिटेल खोलेगी कुंडली

फिलहाल पुलिस ने रविकांत यादव उर्फ मक्खू का एचडीएफसी बैंक का खाता सील करा दिया है। अब उसके खाते की जांच होगी। इसी जांच में यह उजागर होगा कि खाते में कहां से पैसा आया और उसने किस-किस को पैसा भेजा है। इसी खाते से कई और लोगों की डिटेल सामने आएगी। पुलिस का मानना है कि इसी जांच से उसके सारे भेद खुल जाएंगे।

सेना से जुड़ा कोई और भी तो शामिल नहीं

युवाओं को सेना में भर्ती का झांसा देकर रकम ऐंठने वाले गिरोह का राजफाश होने के बाद आरोपितों से पूछताछ के आधार पर पुलिस इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं सेना से जुड़ा कोई शख्स भी इस गिरोह के संपर्क में तो नहीं था। सूत्रों के मुताबिक कुछ सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के मक्खू से जुड़ाव के दावे की सच्चाई की पड़ताल की जा रही है।

सेना की वर्दी में ही गांव आता था मक्खू

मक्खू ने गांव में भले ही दो मंजिला आलीशान मकान बनवा लिया था, लेकिन अधिकांश समय वह होटलों में ही रहता था। कभी-कभार ही गांव आता था। हमेशा किसी न किसी चार पहिया वाहन से गांव पहुंचता था। जब आता तो सेना की वर्दी पहने रहता और उसके साथ मौजूद युवा भी सैन्य वर्दी में होते। इससे लोगों को लगता कि वह सेना में ही है।

मंगलवार को पुलिस ने किया था गिरफ्तार

पुलिस टीम ने मंगलवार को जालसाज गिरोह के सरगना धानापुर के रायपुर निवासी मक्खू के साथ ही उसके भाई रोहित यादव, गाजीपुर के जमानियां थाना के हरपुर नई बस्ती के विकास ङ्क्षसह और आजमगढ़ के तरवां थाना के कम्हरियां निवासी दीपक यादव को गिरफ्तार किया था। उनकी निशानदेही पर साइबर कैफे संचालक अलीनगर देवेंद्र श्रीवास्तव और मक्खू के करीबी ङ्क्षरकू सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनके पास से दो देसी पिस्टल, कारतूस, सेना की फर्जी मुहर, दस्तावेज, चेकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, आर्मी कैंटीन का फर्जी स्मार्ट कार्ड, कार, बाइक, कंप्यूटर सेट और नौ मोबाइल बरामद हुए थे।

सेना भर्ती में सेंध लगाने वाले गिरोह के सदस्य जेल में हैैं

सेना भर्ती में सेंध लगाने वाले गिरोह के सदस्य जेल में हैैं। उनसे हुई पूछताछ के आधार पर हर ङ्क्षबदु की पड़ताल की जा रही है। बैैंक खाते की जांच अहम है। जल्द ही इसकी डिटेल ली जाएगी। रविकांत उर्फ मक्खू और उसके साथियों से जुड़े अन्य लोगों की छानबीन की जा रही है। जल्द ही कुछ और लोगों के नाम भी उजागर हो सकते हैैं।

- सत्येंद्र विक्रम सिंह, थानाध्यक्ष, धानापुर

ठगी का शिकार हो चुके हैैं कई नौजवान

सेना में भर्ती के नाम पर जिले के कई युवा ठगी का शिकार हो चुके हैैं। माना जा रहा है कि नाम सामने न आए, इस डर से किसी ने फिलहाल थाने में रिपोर्ट नहीं लिखवाई न ही पुलिस से शिकायत की। जमानियां कोतवाली क्षेत्र के हरपुर नई बस्ती निवासी विकास सिंह उर्फ मनीष का नाम सेना भर्ती के नाम पर जालसाजी करने वाले गिरोह में आने से यहां के लोग भी हतप्रभ हैं। इस राजफाश के बाद इलाके में चर्चा है कि जमानियां क्षेत्र के अलग-अलग गांवों के दर्जन भर युवा भी ठगी का शिकार हो चुके हैं। हालांकि कोई मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा। सूत्रों के मुताबिक कुछ एक मामलों में तो आधी-अधूरी रकम लौटाकर किसी तरह मामला निबटा दिया गया।


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