Move to Jagran APP

निर्भया के गांव में होली का बहिष्कार, दरिंदों की फांसी की तारीख का इंतजार

निर्भया कांड के दोषियों को फांसी देने में कानूनी पेच को देखकर ग्रामीणों ने होली न खेलने का निर्णय लिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 10:12 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 10:12 PM (IST)
निर्भया के गांव में होली का बहिष्कार, दरिंदों की फांसी की तारीख का इंतजार
निर्भया के गांव में होली का बहिष्कार, दरिंदों की फांसी की तारीख का इंतजार

बलिया, जेएनएन। निर्भया कांड के दोषियों को फांसी देने में कानूनी पेच को देखकर ग्रामीणों ने होली न खेलने का निर्णय लिया है। बुधवार की शाम हुई पंचायत में ग्रामीणों ने कहा कि होली का रंग कैसे खेलेंगे जब गांव की हंसती-खेलती  बिटिया को दरिंदों ने मार डाला। आरोपितों को फांसी में देरी हो रही है। तीसरी बार फांसी टलने पर ग्रामीणों ने अपना आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि दरिंदों को जब तक फांसी नहीं हो जाती तब तक त्योहार नहीं मनाएंगे। 

loksabha election banner

निर्भया के गांव वाले पिछले सात वर्ष से दोषियों को सजा की टकटकी लगाए हुए हैं। इस दौरान निर्भया के चाचा बोले, दरिंदो को फांसी होने का इंतजार है। निर्भया की चचेरी बहन का कहना है कि जब तक दरिंदों को फांसी  पर चढ़ाया नहीं जाएगा तब तक निर्भया को न्याय नहीं मिलेगा।

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुआ था निर्भया कांड

उस वक्त पूरा देश हिल गया था जब निर्भया के साथ दिल्ली में गैंगरेप की दर्दनाक घटना घटी थी। वह काला दिन 16 दिसम्बर 2012 था। इस भयानक व घिनौने अपराध ने देश की सभी बेटियों संग आम जनमानस को भी बुरी तरह झकझोर दिया था। पीडि़ता के पक्ष में सारा देश अचानक उठ खड़ा हो गया। लगभग 15 दिनों तक ङ्क्षजदगी और मौत से जूझती निर्भया सिंगापुर के एक अस्पताल में इस लोक से सदैव के लिए विदा हो गई थी।

सभी की मांग पर महिला सुरक्षा से संबंधित कई कानून को अमलीजामा पहनाया गया। इसके बावजूद कहीं भी इस तरह की घटनाएं आज तक बंद नहीं हुईं। निर्भया के दोषियों को फांसी देने में बार-बार आए पेंच से निर्भया के गांव सहित पूरे जनपद दुखी थे। सब बस यही बात सुनना चहते थे...निर्भया के दोषियों को आज फांसी होगी। सोमवार को जब दिल्ली से यह सूचना आई कि कि निर्भया के दोषियों को मंगलवार को हर हाल में फांसी होगी तो सभी का मन शांत हो गया। हर जगह लोग आपस में चर्चा करने लगे कि देर हुआ लेकिन उचित न्याय मिला।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.