Book Fair in Varanasi : चन्दुआ छित्तूपुर में 25 वें बनारस पुस्तक मेला का हुआ उद्घाटन
मोतीलाल मानव उत्थान समिति कुशवाहा भवन चन्दुआ छित्तूपुर में आयोजित 25वें बनारस पुस्तक मेला के उद्घाटन समारोह के अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर की कुलपति प्रो. निर्मला मौर्य ने कहा कि पुस्तकें अनुभवों का पिटारा होती है।
वाराणसी, जेएनएन। शहर में एक बार फिर पुस्तक मेला के जरिए पाठकों को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। मोतीलाल मानव उत्थान समिति, कुशवाहा भवन, चन्दुआ छित्तूपुर में आयोजित 25वें बनारस पुस्तक मेला के उद्घाटन समारोह के अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर की कुलपति, प्रो. निर्मला मौर्य ने कहा कि पुस्तकें अनुभवों का पिटारा होती है। आज डिजिटल का जमाना है, समय तेजी से बदल रहा है ऐसे समय में पुस्तक मेला का आयोजन इस बात की ओर संकेत करता है कि मानव जीवन में सदैव पुस्तकों का महत्व बना रहेगा। वेद काल से आजतक जिस शिक्षा की बात होती चली आ रही है, उनके केन्द्र में पुस्तकें, ग्रन्थ आदि रहे है। मोतीलाल मानव उत्थान समिति द्वारा आयोजित सात दिनों का पुस्तक मेला कोविड-19 के समय में ऐसी पहल है जो मानव के अटल विश्वास को प्रकट करती है।
इस आयोजन में नई शिक्षा नीति-2020 पर चर्चा होगी तो कथाकार प्रेमचन्द्र की कहानी ’मंत्र’ की चर्चा होनी है। इसमें प्रेमचन्द ने दो वर्गोंं की द्वंदात्मकता को शब्द दिये है। 'बूढ़ी काकी सम्मान’ है मानव मनोविज्ञान की यह उत्कृष्ट कहानी है। विजय विनीत की पुस्तक 'बनारस लाॅकडाउन’ एक जीवन्त दस्तावेज है। अध्यक्षता कर रहे हिन्दी विभाग, बीएचयू के प्रो. सदानन्द शाही ने कहा कि पुस्तकें लम्बे समय से मनुष्य की विकास यात्रा की सहचर रही है। पिछले कुछ समय से तकनीक की नयी-नयी पद्धतियों ने पुस्तक संस्कृति को गंभीर चुनौती दी है। हालिया महामारी ने पुस्तक संस्कृति के संकट को और गंभीर रुप दे दिया है। ऐसे में पुस्तक मेले का आयोजन एक साहसिक कार्य है। पुस्तकें मनुष्यता की सामूहिक स्मृति कोष होती है। पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देना हमारी अपनी मनुष्यता को धार देना है।
इस अवसर पर डाॅ. दयानन्द, डाॅ. नरसिंह राम, सियाराम यादव ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम से पूर्व मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन कर रजत जयंती वर्ष के पुस्तक मेला का शुभारम्भ किया। अतिथियों के सम्मान के बाद मेला व्यवस्थापक, मिथिलेश कुमार कुशवाहा को उनके लगातार प्रयास के लिये प्रखर एवं कर्मठ व्यक्तित्व के रुप में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर फ्रंट पेज पब्लिकेषन, लंदन के अभिजीत मजुमदार तथा समाजसेविका, श्रुति नागवंशी को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।