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गोबर के कंडे से पार्थिव शरीर पंचतत्व में होंगे विलीन, निराश्रित गोवंश संरक्षण बैठक में बनी योजना

चंदौली जिले में गोवंश आश्रय स्थलों के गोबर से बने कंडे से अब पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन होंगे।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 06:00 AM (IST)
गोबर के कंडे से पार्थिव शरीर पंचतत्व में होंगे विलीन, निराश्रित गोवंश संरक्षण बैठक में बनी योजना
गोबर के कंडे से पार्थिव शरीर पंचतत्व में होंगे विलीन, निराश्रित गोवंश संरक्षण बैठक में बनी योजना

चंदौली, जेएनएन। जिले में गोवंश आश्रय स्थलों के गोबर से बने कंडे से अब पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन होंगे। वहीं इसके जरिए होने वाली आमदनी से पशुओं के लिए चारा-पानी के साथ ही आश्रय स्थलों में अन्य इंतजाम किए जाएंगे। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में इसको लेकर योजना बनी। पशुओं की टैगिंग व टीकाकरण को लेकर चर्चा हुई। नोडल अधिकारियों व पशु चिकित्सकों को आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया। लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। 

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डीएम ने कहा, गोवंश आश्रय स्थलों में किसी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए। नोडल अधिकारी हर सप्ताह आश्रय स्थलों का निरीक्षण करें। इस दौरान मिलने वाली कमियों को तत्काल दूर कराया जाए। पशुओं का टीकाकरण भी कराया जाना चाहिए। मवेशियों की जीओ टैगिंग तत्काल पूरी कराई जाए। गोवंश आश्रय स्थलों से निकलने वाले गोबर का इस्तेमाल कंपोस्ट खाद बनाने में किया जाएगा। इसके अलावा गोबर का कंडा बनाकर शवदाह गृहों में भेजा जाए। इसके जरिए होने वाली आमदनी से पशुओं की देखरेख और भोजन-पानी का इंतजाम किया जाएगा। बोले, इस कार्य में स्वयं सहायता समूहों की भी मदद ली जाती सकती है। महिलाएं खाद की डोर-टू-डोर सप्लाई करेंगी। इससे आश्रय स्थलों का संचालन बेहतर ढंग से हो सकेगा।

वहीं रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने 15 अप्रैल तक शत-प्रतिशत पशुओं को आश्रय स्थलों तक पहुंचाने के निर्देश दिए। कहा, ग्राम पंचायत राज अधिकारी, ग्राम प्रधान और गांव के संभ्रांत लोगों संग समन्वय स्थापित कर बेसहारा पशुओं को पकड़कर आश्रय स्थलों तक पहुंचाए। इसके बाद ग्राम प्रधानों से गांव में बेसहारा पशुओं के न होने के बाबत प्रमाण पत्र प्राप्त करें। आश्रय स्थलों में उद्यान विभाग बागवानी लगवाए। करौदा और नीबू के पौधे रोपित कराए जा सकते हैं। चकचुइयां गांव स्थित गोवंश आश्रय स्थल में प्रकाश के लिए लाइट लगवाई जाए। सर्वानंदपुर एवं नीचूपुर स्थित आश्रय स्थल में गर्मी के दौरान पेयजल की व्यवस्था कराई जाए। सीडीओ डा. एके श्रीवास्तव, सीवीओ डा. एसपी पांडेय, डीपीआरओ ब्रह्मचारी दुबे, डीसी मनरेगा धर्मजीत सिंह, बीएसए भोलेंद्र प्रताप सिंह, डीआइओएस डा. विनोद कुमार राय, सदर नगर पंचायत ईओ राजेंद्र प्रसाद व विभागीय अधिकारी मौजूद थे। 


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