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Boat Aaccident in Ballia : दो की मौत ने गांव को झकझोरा, घरों में नहीं जले चूल्हे

बलिया मैरीटार गांव के सामने छोटी नाव हादसे में युवक दीपक व अमित की मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। रविवार की रात को गांव में किसी के घर चूल्हे नहीं जले। हर वक्त गुलजार रहने वाली गांव की गलियों में मातमी सन्नाटा पसरा रहा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 05:57 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 05:57 PM (IST)
Boat Aaccident in Ballia : दो की मौत ने गांव को झकझोरा, घरों में नहीं जले चूल्हे
Boat accident in Ballia बलिया के मैरीटार गांव में दुर्घटना के बाद से सुनी पड़ी गाव की गलियां।

बलिया, जेएनएन। Boat accident in Ballia मैरीटार गांव के सामने छोटी नाव हादसे में युवक दीपक व अमित की मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर  कर रख दिया। रविवार की रात को गांव में किसी के घर चूल्हे नहीं जले। हर वक्त गुलजार रहने वाली गांव की गलियों में मातमी सन्नाटा पसरा रहा। बस रह रहकर महिलाओं की रोने की आवाज आ रही थीं। पीडि़त परिवार के साथ पूरा गांव खड़ा था। मृतक दीपक की मां रीना देवी व अमित की मां शोभा का रो रोककर बुरा हाल हो गया था। अधिकांश गांव की महिलाएं व पुरुष सदस्य जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम हाउस पर आ गए थे। ये सभी अपने लाडलों की एक झलक पाने की इच्छा जाहिर करते रहे। हादसे में बचे चारों युवक अंकित, अभिषेक, रमेश व भोलू पूरी तरह से सदमे में है। वह न ही किसी मिल रहे हैं और न ही उनके बारे में कोई पता चल पा रहा है। इन सभी की मोबाइल भी बंद हैं। बांसडीह कोतवाल राजेश कुमार सिंह ने बताया कि हादसे में कोई मुकदमा कायम नहीं है। अभी तक किसी ने तहरीर नहीं दी है।

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श्रमिकों ने किया सहयोग तो जहाज से पहुंचा दीपक का पिता

 बलिया: सुरहाताल में नाव हादसे में मुंबई के जुहू चौपाटी पर भूजा बेचकर परिवार का भरण पोषण करने वाले हरेराम गुप्ता बेटे दीपक की गंभीर हालत में सन्न हो गया था। उसके साथ के श्रमिक उसे बलिया भेजने की तैयारी में लग गए। सेठ ने सहयोग किया तो श्रमिक भी पीछे नहीं रहे। मुंबई से जहाज से उसे वाराणसी तक का टिकट कराकर भेजवा दिया। उस समय तक हरेराम को अपने बेटे के खोने की भनक लग गई थी। वह पूरी तरह से टूट गए थे। साथियों ने उसे हवाई अड्डा तक पहुंचाया। वाराणसी आने के बाद वह प्राइवेट वाहन से सीधे जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा। वहां परिवार के सदस्यों को देख वह फफक कर रोने लगा। बताया कि बेटे से शनिवार को उसकी बात हुई थी, मोबाइल में रिचार्ज न होने की बात कही थी। परिवार के सहयोग के साथ ही अपनी पढ़ाई का खर्च एलआइसी में एजेंट का काम करके निकाल लेता था।

हर कोई देख रहा था लाइव वीडियो का क्लिप

नाव हादसे से फेसबुक वीडियो का क्लिप हर कोई देख रहा था। मृतकों के गांव मैरीटार समेत पोस्टमार्टम हाउस पर भी लोग वीडियो का आंकलन अपने-अपने हिसाब से कर रहे थे। पीएम हाउस पर पहुंची महिलाएं इसे देखकर रोते जा रही थी।

शाम तक पहुंचेंगे अमित के पिता

मृतक अमित के पिता परमात्मानंद गुप्ता छतीसगढ़ में प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। परिवार वालों ने घटना की सूचना उन्हें दे दी है। उनके रविवार की देर शाम तक पहुंचने की उम्मीद है। मृतक अमित के भाई ने ही अंतिम संस्कार किया।

घटना को रोकने के लिए सुरहाताल में शासन व प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं हैं

घटना को रोकने के लिए सुरहाताल में शासन व प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं हैं। पंक्षियों की रक्षा करने की जिम्मेदारी हम सभी पर है। किसानों की जमीन हैं। कौन किस कार्य से जा रहा हैं यह पता लगा पाना कठिन काम हैं।

-जय प्रकाश, वन दारोगा, काशी वन्य जीवप्रभाग, वाराणसी।


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