Blood Donation बिहार की कैंसर पीडि़त महिला के लिए फरिश्ता बने युवा, प्लेटलेट्स की थी सख्त जरूरत
वाराणसी के लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल में ब्लड कैंसर से जूझ रही बिहार की महिला के लिए बनारस के युवा फरिश्ता साबित हुए।
वाराणसी [मुहम्मद रईस]। लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल में ब्लड कैंसर से जूझ रही बिहार की महिला के लिए बनारस के युवा फरिश्ता साबित हुए। महिला को शनिवार को प्लेटलेट्स चढ़ाना जरूरी था। नौबत जान तक बन आई। जानकारी होते ही मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने पहल की और युवाओं को भेज कर रक्तदान कराया।
लॉकडाउन के दौरान समूचा देश एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है। जरूरत महसूस होने पर हर स्तर से मदद भी पहुंचाई जा रही है। इस बीच बिहार की महिला का होमी भाभा कैंसर अस्पताल में इलाज चल रहा है। लॉकडाउन के कारण परिवार कहीं आने-जाने में असमर्थ था। मरीज को तड़पता देखने के बाद भी लोग लाचार थे। किसी तरह मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी को जानकारी मिली। उन्होंने मदद के लिए युवाओं को लहरतारा स्थित अस्पताल भेजा।
शाहिद, नवीन, असलम व हफीज ने बचाई जान
जिंदगी और मौत से जूझ रही मरीज की जान बचाने के लिए कम से कम चार डोनर की जरूरत थी। मोहम्मद शाहिद अंसारी, नवीन मिश्र, असलम खलीफा व अब्दुल हफीज ने रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश करने संग अन्य युवाओं को बढ़-चढ़ कर रक्तदान के लिए प्रेरित भी किया।
जरूरतमंदों की हर तरह से करें मदद
मरियम फाउंडेशन के महासचिव मोहम्मद शाहिद अंसारी ने कहा कि यह देश ही नहीं दुनिया के लिए मुश्किल घड़ी है। शासन-प्रशासन के साथ सामाजिक संगठन राहत सामग्री लोगों तक पहुंचा रहे हैं। अन्य बीमारियों से ग्रस्त गंभीर मरीजों के लिए भी विपरीत समय है। उनका भी ख्याल रखना जरूरी है। इसलिए जब और जहां जरूरत हो रक्तदान करें। साथ ही दूसरों भी इसके लिए प्रेरित करते रहें।