Move to Jagran APP

डिजिटल इंडिया : अंगुली के इशारे से अब कंप्यूटर भी चलाएंगे नेत्रहीन

वाराणसी में बीएचयू की पहल से अब नेत्रहीन लोग भी डिजिटल इंडिया के सपने देख सकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 11:15 AM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 11:15 AM (IST)
डिजिटल इंडिया : अंगुली के इशारे से अब कंप्यूटर भी चलाएंगे नेत्रहीन
डिजिटल इंडिया : अंगुली के इशारे से अब कंप्यूटर भी चलाएंगे नेत्रहीन

मुकेश चंद्र श्रीवास्तव, वाराणसी : अब नेत्रहीन लोग भी डिजिटल इंडिया के सपने देख सकेंगे। कंप्यूटर चलाएंगे, वह बिना की-बोर्ड के ही टाइपिंग कर सकेंगे। यह सबकुछ संभव होगा साइन लैंग्वेज सिस्टम से। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बीएचयू स्थित इलेक्ट्रानिक्स इंजीनिय¨रग विभाग के डा. किशोर सरवाडेकर के निर्देशन में शोधछात्र गौरव मोदनवाल ने यह सिस्टम तैयार कर लिया है। गौरव को इसके लिए पिछले वर्ष तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से सम्मान भी मिल चुका है।

loksabha election banner

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो दुनिया में 253 मिलियन से अधिक लोग दृष्टिहीन हैं, जिसका 30 प्रतिशत हिस्सा भारत में ही है। कंप्यूटर आज लगभग सभी के जीवन का अहम हिस्सा है। नेत्रहीन लोग माउस और की-बोर्ड चलाने में असमर्थ होते हैं। बता दें कि उनके लिए ब्रेल आधारित डिवाइस भी उपलब्ध है, लेकिन उतनी कारगर नहीं है। गलत टाइपिंग पर डिलीट करने की भी सुविधा : सिस्टम में एक सेंसर युक्त कैमरा होगा, इसके माध्यम से दृष्टिहीन अंगुलियों का इशारा करेंगे। कंप्यूटर की स्क्रीन पर टाइपिंग होने लगेगी, गलत टाइप होने पर डिलीट करने की भी व्यवस्था होगी। ऑडियो सिस्टम से व्यक्ति को संकेत मिलेगा कि वह क्या टाइप कर रहा है। प्रोसेसिंग यूनिट इस सिस्टम की मदद से संकेतों को डिकोड करेगा। हेडफोन, स्पीकर के माध्यम से उपयोगकर्ता को हर जानकारी मिलती रहेगी। वे एमएस वर्ड, एक्सेल आदि ई-दस्तावेजों में टेक्स्ट संपादित कर सकेंगे। मिल चुके कई अवार्ड : डा. किशोर को सरकार की ओर से विश्वेश्वरैया यंग फैकल्टी फेलोशिप व वीनस इंफारमेशन फाउंडेशन द्वारा आउट स्टैनिंग साइंटिस्ट इन इलेक्ट्रानिक्स अवार्ड मिल चुके हैं। गौरव को इसके लिए राष्ट्रपति भवन में एक सप्ताह तक बिताने का मौका मिला था। तत्कालीन निदेशक प्रो. राजीव संगल एवं प्रो. आनंद मोहन से भी आशीर्वाद मिल चुका है। कई इंटरनेशनल जर्नल में यह कार्य प्रकाशित होने चुका है, साथ ही पेटेंट भी कराया जा चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.