सिर्फ पति ही नहीं बल्कि पर्यावरण के भी लंबी उम्र की इस करवाचौथ पर कामना कर सकती हैं संगिनियां
करवाचौथ उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा मध्य प्रदेश और राजस्थान में सुहागिन महिलाएं बहुत धूमधाम से मनाती हैं।
वाराणसी [कृष्ण बहादुर रावत]। करवाचौथ उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सुहागिन महिलाएं बहुत धूमधाम से मनाती हैं। यह पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है और यह इस बार 17 अक्टूबर को है। किसी भी आयु की विवाहित महिलाओं हों, वह करवा चौथ में चाहती हैं कि सबसे सुंदर वही दिखें।
इस बार करवा चौथ में प्लास्टिक से बनी सजावटी वस्तुएं नहीं दिखाएंगी। इस बार स्टील और कागज का इस्तेमाल किया गया है। महामंडल नगर में सालों से सजावटी सामान का व्यापार करने वाले दिनेश अग्रवाल और नीलिमा अग्रवाल ने बताया कि इस बार कलात्मक एवं परंपरागत लुक ली हुई पूजा थाली, कटोरा व करवा जाली की धूम है। वहीं पति को तिलक लगाने वाली फ्लावर तिलक स्टिक की भी बहुत मांग है।
इस बार करवाचौथ की पूजा सामग्री में प्लास्टिक से बनी कोई भी वस्तु नहीं दिखेगा। स्टील की थाली को विशेष प्रकार के रंग बिरंगे कागज और गोट से सजाया गया है। पूजा में काम आने वाले फूल और तरह-तरह की डिजाइन वाली माला पूरी से कागज से बने हैं। इन मालाओं की जब तक पास से नहीं देखेंगे तब तक लगेगा कि यह असली है।
पति दिवस के रूप में भी
आधुनिकता का रंग अब जीवन के हर क्षेत्र में दिखने लगा है। युवा वर्ग के कुछ पति यह सोचते है कि मेरी पत्नी मेरे दीर्घायु के लिए व्रत रख रही है तो मैं भी क्यों न इस पति दिवस मानते हुए व्रत रखू। ऐसे में दोनों पति-पत्नी साथ-साथ इस पर्व को मनाते हैं। कुछ पुरुष तो इस दिन विशेष रूप से सैलून जाते हैं ताकि शाम को वह भी अलग रूप में दिखे।
ब्यूटी पार्लर में बुकिंग बढ़ी
नगर के नामी-गिरामी ब्यूटी पार्लर में 17 अक्टूबर को समय बड़ा मुश्किल से मिल रहा है। सौंदर्य विशेषज्ञों की माने जाए तो इस बार ब्राइट लुक का नजारा अधिक देखने को मिलेगा। रेड लिपस्टिक और फायर रेड बिंदी की मांग अधिक है।
ऑन लाइन सामान भी आ रहा
दुकानदारों का कहना है कि युवा वर्ग ऑन लाइन कई सामान मांग रहे हैं, जिसके कारण व्यापार और कारोबार पर फर्क साफ दिखाई दे रहा है।