आजमगढ़ में 8218 बोरी यूरिया की कालाबाजारी पकड़ी गई, आरोपितों पर रासुका की कार्रवाई
डीएम ने काले कारोबार में शामिल साधन सहकारी समिति के तीन कैडर सचिव तीन निजी उर्वरक विक्रेता और आठ किसानों के खिलाफ संबंधित थानों में एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
आजमगढ़, जेएनएन। जिले में जांच के दौरान 8218 बोरी यूरिया उर्वरक की कालाबाजारी का मामला प्रकाश में आया है। सनसनीखेज सच्चाई सामने आते ही जिम्मेदारों के माथे पर बल पड़ गया। डीएम ने काले कारोबार में शामिल साधन सहकारी समिति के तीन कैडर सचिव, तीन निजी उर्वरक विक्रेता और आठ किसानों के खिलाफ संबंधित थानों में एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इनके खिलाफ मुख्यमंत्री के आदेश के क्रम में रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
कालाबाजारी पर अंकुश लगाने को जिले के टॉप 20 यूरिया उर्वरक खरीदारों की जांच के लिए टीम गठित गई। जांच में पाया गया कि साधन सहकारी समितियों सचिव, निजी उर्वरक विक्रेता और किसानों की मिलीभगत से यूरिया उर्वकर की बिक्री की गई है। साधन सहकारी समिति मुहम्मदपुर लाटघाट के सचिव बृजभान गुप्ता ने चार किसानों को आधारकार्ड के आधार पर 848 बोरी यूरिया उर्वरक, समिति लाडलाहरपुर अतरौलिया के सचिव जैतूराम यादव ने अपने ही दो पुत्रों के नाम 900 बोरी यूरिया, तियरी मनिरापुर बिजौली ठेकमा समिति के सचिव अविनाश राय ने अपनी पत्नी, पुत्र व पुत्री के नाम 990 बोरी यूरिया उर्वरक आधारकार्ड के आधार पर खारिज किया है। साथ ही आठ किसानों ने आवश्यकता से अधिक कुल 3409 बोरी यूरिया उर्वरक निजी थोक विक्रेताओं से खरीद की है। जबकि उर्वरक विक्रेता मेसर्स चंद्रकेश प्रसाद कटान बाजार शाहडीह रौनापार सगड़ी ने देवारा कदीम महराजगंज निवासी संतोष कुमार को 237 बोरी, राजेश उर्वरक केंद्र गहजी अहरौला ने 230 बोरी यूरिया और मेसर्स यादव उर्वरक एवं बीज भंडार सिसवारा फूलपुर ने दो लोगों के नाम 824 बोरी यूरिया वितरित किया है। जिला कृषि अधिकारी डा. उमेश कुमार गुप्ता व एआर कोआपरेटिव रामङ्क्षककर द्विवेदी ने दोषियों के खिलाफ संबंधित थानों में एफआइआर दर्ज कराई है।
------------------
''जांच में कालाबारी की पुष्टि हुई है। तीन समितियों के सचिव, तीन निजी उर्वरक विक्रेता और आठ किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के अनुपालन में रासुका की भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। अब उर्वरक की ब्रिकी संबंधित एसडीएम की देखरेख में सुनिश्चित होगी। कड़ाई से अनुपालन के निर्देश दिए गए हैं। -राजेश कुमार, जिलाधिकारी, आजमगढ़।