वाराणसी में बर्ड फ्लू की आहट, मृत कौवे की जांच में पुष्टि, पोल्ट्री फार्म की जांच शुरू
वाराणसी में बर्ड फ्लू से संबंधित मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक अमले से लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना वायरस के शोर के बीच वाराणसी में एक बार फिर बर्ड फ्लू से संबंधित मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक अमले से लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। रोहनिया के मोहनसराय इलाके में फरवरी माह के शुरूआती दिनों में बड़ी संख्या में कौवों के मरने के बाद कारण जानने के लिए मृत कौवों को भोपाल स्थित लैब भेजा गया था।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बीबी सिंह ने बताया कि भोपाल से आई रिपोर्ट में एक कौवे में फ्लू पाजिटिव और दो में निगेटिव पाया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद जहां पर कौवे मृत मिले थे, वहां से 10 किलोमीटर दायरे में मौजूद सभी पोल्ट्री फार्मों की जांच-पड़ताल कराई जा रही है।
मुख्य विकास अधिकारी ने सोमवार को विकास भवन में पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। जनपद में संचालित सभी पोल्ट्री फार्म की जांचकर वहां बायोसिक्योरिटी के इंतजामों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
टास्क फोर्स रहे तैयार
जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जनपद स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्यों से समन्वय स्थापित कर जनपद में किसी भी आपात स्थिति से निबटने को तैयार रहने का निर्देश दिया।
प्रवासी पक्षियों पर भी नजर
पोल्ट्री और प्रवासी पक्षियों का सर्विलांस किए जाने के साथ ही जनपद के सभी ब्लाकों पर जागरूकता से संबंधित कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को पोल्ट्री फार्म संचालकों के संपर्क में रहने को कहा गया है।
अचानक मरने लगे पक्षी तो तुरंत दें सूचना
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने लोगों से अपील की है कि यदि आपके पास बड़ी संख्या में अचानक पशु-पक्षी की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत होने लगे तो तत्काल इसकी सूचना अपने थाना, ब्लाक, वन विभाग के साथ ही पशु चिकित्सा विभाग को दें। मृत पशु-पक्षियों को नंगे हाथों से न छूएं।
सांस नली के जरिए प्रवेश करता इंसानों में फ्लू
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि मृत कौवे में एच 5 एन1 वायरस पाया गया है। यह वायरस पक्षियों के जरिए इंसानों के शरीर में सांस नली के जरिए प्रवेश करता है।
क्या हुआ था
दो फरवरी को रोहनिया-मोहनसराय चौराहे के समीप अदलपुरा मार्ग पर सड़क किनारे मौजूद पेड़ों पर बसेरा बनाए कौवे अचानक गिरकर मरने लगे। एक-दो दिन के अंतर फिर बड़ी संख्या में कौवे मृत पाए गए। आठ फरवरी को जब फिर कौवे मरे मिले तो हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों से बातचीत के बाद मौके पर मिले तीन मृत कौवे को जांच के लिए भोपाल भेजा।