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प्रतिबंधित मांझा की चपेट में आने से वाराणसी में बाइक सवार युवक घायल, रोक के बावजूद हो रही बिक्री

न्यायालय के आदेश के बावजूद पुलिस-प्रशासन के सुस्त रवैये के कारण पतंग की दुकानों से प्रतिबंधित मांझा की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। इसके चलते लोग हताहत हो रहे हैं। ताजा घटना बुधवार को चौकाघाट ओवरब्रिज के पास की है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 10:37 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 10:37 PM (IST)
प्रतिबंधित मांझा की चपेट में आने से वाराणसी में बाइक सवार युवक घायल, रोक के बावजूद हो रही बिक्री
पुलिस-प्रशासन के सुस्त रवैये के कारण पतंग की दुकानों से प्रतिबंधित मांझा की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। न्यायालय के आदेश के बावजूद पुलिस-प्रशासन के सुस्त रवैये के कारण पतंग की दुकानों से प्रतिबंधित मांझा की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। इसके चलते लोग हताहत हो रहे हैं। ताजा घटना बुधवार को चौकाघाट ओवरब्रिज के पास की है। इसमें बाइक सवार युवक का गला इस प्रतिबंधित मांझा से कट गया। उसे गंभीर हालत में सिगरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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कैंट थाना क्षेत्र के महावीर मंदिर स्थित पार्वती नगर निवासी 30 वर्षीय धनंजय राय बाइक से किसी काम से जा रहे थे। इस बीच प्रतिबंधित मांझा की चपेट में आने से उनका गला कट गया। गहरे जख्म की वजह से वह बाइक से गिरकर जमीन पर तड़पने लगे। स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना उनके मोबाइल से परिवारीजन को दी। आनन-फानन परिवारीजन घटना स्थल पहुंचे। उन्हें सिगरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज चल रहा है। घायल युवक एडीसीपी यातायात के पेशकार संतोष राय का भतीजा है।

मासूम से लगायत युवक की हो चुकी है मौत

चाइनीज मांझे का खतरा इंसानों के साथ बेजुबानों पर मंडरा रहा है। कई घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें मासूम से लगायत युवक व वृद्ध की मौत हो चुकी है। घायलों की तो गिनती ही नहीं है। इसके बावजूद प्रतिबंधित मांझे की बिक्री को लेकर पुलिस व प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। दो माह पूर्व चेतगंज थानांतर्गत चौकाघाट फ्लाईओवर पर इस मांझे की चपेट में आने से बाइक सवार आकाश शुक्ला की मौत हो गई थी। वह एक दवा कंपनी में प्रतिनिधि था। दवा मंडी से आर्डर लेकर वह कहीं जा रहे थे कि तभी घटना हो गई थी।

इसके अलावा एक साल पूर्व घौसाबाद के आटो पाट्र्स के व्यवसायी संदीप गुप्ता अपनी सात साल की बेटी कृतिका को दवा दिलाकर लोट रहे थे कि तभी पांडेयपुर फ्लाईओवर पर चाइनीज मांझे से मासूम का गला कट गया जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसी तरह सिगरा इलाके के क्रिश्चियन कंपाउंड में रहने वाले 60 वर्षीय मुन्ना विल्सन की प्रतिबंधित मांझे की चपेट में आने से मौत हो गई थी।

होती कार्रवाई, बिकता प्रतिबंधित मांझा

जानकारों की माने तो अब मांझा चीन से नहीं बल्कि तेज धार के साथ देश में ही बन रहा है। इसे चोरी-छिपे लाकर बेचा जा रहा है। वैसे बाजार में मिलने वाले सभी मांझे घातक होते हैं, लेकिन इनमें चाइनीज की तर्ज पर बना मांझा सबसे खतरनाक है। पुलिस ने कुछ माह पूर्व इस मांझे के खिलाफ अभियान चलाया था। कई क्विंटल प्रतिबंधित मांझा बरामद हुआ और कुछ लोग पकड़े भी गए थे। इसके बावजूद इसकी बिक्री पर लगाम नहीं लग सका।

ब्लेड जैसी धार

चाइनीज की तर्ज पर यह मांझा प्लास्टिक का बना होता है। काफी मजबूत होत है। इसे मेटलिक कोटिंग से तैयार किया जाता है। इसकी कई वेरायटी बन रही है। इसे बनाने में अधिकतर केमिकल और अन्य धातुओं का इस्तेमाल हो रहा है। इनमें शीशा, वज्रम गोंद, मैदा, एल्युमीनियम आक्साइड और जिरकोनिया आक्साइड शामिल है। इन सभी चीजों के मिक्स होने पर तेज धार वाला मांझा तैयार होता है। यह आसानी से टूटता नहीं है। इसमें ब्लेड जैसी धार होती है।


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