Bihar Election 2020 : पटना में वाराणसी की फॉर्च्युनर गाड़ी से 74 लाख रुपये बरामद
बिहार की राजधानी पटना में बिस्कोमान के पास बुधवार की रात एक फॉर्च्युनर गाड़ी से पुलिस ने करीब 74 लाख रुपये बरामद किए। इस दौरान भारी नकदी के साथ पुलिस ने नशे में धुत रहे वाहन चालक को हिरासत में ले लिया है।
वाराणसी/पटना। बिहार की राजधानी पटना में बिस्कोमान के पास बुधवार की रात एक फॉर्च्युनर गाड़ी से पुलिस ने करीब 74 लाख रुपये बरामद किए। इस दौरान भारी नकदी के साथ पुलिस ने नशे में धुत रहे वाहन चालक को हिरासत में ले लिया है। इस समय बिहार में चुनाव की वजह से आदर्श आचार संहिता लागू है, लिहाजा भारी भरकम रकम लेकर दूसरे प्रदेश की गाड़ी से घूमना काफी संदेह पैदा कर रहा है। पुलिस के अनुसार आदर्श आचार संहिता के बीच इतनी बड़ी रकम आखिर कहां और किस मकसद से ले जाई जा रही थी, पुलिस अब चालक से पूछताछ कर प्रकरण की जांच में जुट गई है।
फॉर्च्युनर गाड़ी पर वाराणसी का नंबर (यूपी 65 सीआर 7000) लिखा हुआ था। बाहरी राज्य का वाहन होने और वाहन में राजद का बैनर-पोस्टर मिलने के बाद पुलिस भी सतर्क हो गई। इस मामले की जानकारी वाराणसी देने के साथ ही सूबे में भी उच्च अधिकारियां को इससे अवगत करा दिया गया। इस बाबत पटना में सिटी एसपी विनय तिवारी ने बताया कि गांधी मैदान पुलिस बिस्कोमान के पास वाहन जांच कर रही थी। बिस्कोमान के नीचे ही उत्तरप्रदेश के वाराणसी जिले की नंबर वाली फॉर्च्युनर संदिग्ध अवस्था में खड़ी थी। पुलिस को शक हुआ तो गाड़ी में बैठे चालक से पूछताछ करने लगी। चालक इस दौरान काफी नशे में था। वहीं रात में गाड़ी की तलाशी ली गई तो बैग में रखे रुपये पर नजर पड़ी। पुलिस ने रुपये जब्त कर चालक को हिरासत में ले लिया। चालक से रात के अलावा गुरुवार की सुबह भी पूछताछ की जा रही है।
इस बाबत एसपी ने बताया कि चालक के बयान पर गाड़ी के मालिक व रुपये के मालिक से पटना से लेकर वाराणसी तक पूछताछ की जाएगी। वहीं, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गाड़ी पर मिले बैनर-पोस्टर पर सासाराम के एक राजद नेता का नाम है। चालक ने पुलिस को बताया है कि वह अपने मालिक के साथ एक बड़े नेता को यह रुपये देने आया था। उसके मालिक सासाराम में होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। गाड़ी में मिले बैनर-पोस्टर पर संजय सिंह का नाम लिखा हुआ है। यूपी 65 सीआर 7000 नंबर की यह गाड़ी संजय सिंह के नाम पर ही है। एसपी ने बताया कि जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि रुपये का मालिक कौन है। जिसका भी नाम आएगा, उसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।