BHU Webinar जैविक आपदा की घड़ी में व्यसन मुक्त जीवन जीने वाले व्यक्ति के अंदर भरपूर ऊर्जा
अपनी कठिन दिनचर्या के बीच से पहली बार किसी जैन दिगंबर संत ने बीएचयू के मालवीय मूल्य अनुशीलन द्वारा आयोजित एक वेबिनार को गूगल मीट से संबोधित किया।
वाराणसी, जेएनएन। अपनी कठिन दिनचर्या के बीच से पहली बार किसी जैन दिगंबर संत ने बीएचयू के मालवीय मूल्य अनुशीलन द्वारा आयोजित एक वेबिनार को गूगल मीट से संबोधित किया। राजस्थान के कोटा से आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज ने गूगल मीट द्वारा बीएचयू के प्रोफेसरों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए व्यसन की मुक्ति और कोविड से लडऩे के लिए भारतीय जीवन पद्धति व महामना के पथ पर चलने की बात की।
संत ज्ञानसागर ने बताया कि इस जैविक आपदा की घड़ी में व्यसन मुक्त जीवन जीने वाले व्यक्ति के अंदर भरपूर ऊर्जा होती है, जिससे वह कोविड जैसी महामारी में भी स्वंय को अनुशासित और संयमित रखकर बचा सकता है। कार्यक्रम में सोफिया विवि के आचार्य आनंदवर्धन शर्मा ने वेबिनार में 16 संस्कारों की बात की। इंदौर स्थित कुंदकुंद ज्ञानपीठ के निदेशक प्रो. अनुपम जैन ने कहा कि भारतीय संस्कृति के संस्कार ही मालवीय मूल्यों की आधारशिला तैयार करते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीएचयू के कुलसचिव डा. नीरज त्रिपाठी ने कहा कि मालवीय की भावना शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों को प्रदान करने की थी तथा आज भी हमारा विवि इस भावना को आत्मसात कर रहा है।
वेबिनार में प्रो. कमलेश जैन, प्रो. गिरिजा शंकर शास्त्री, केंद्र के समन्वयक प्रो. आशाराम त्रिपाठी, डिप्टी लाइब्रेरियन डा. संजीव सराफ व विवेकानंद जैन, यंग लाइब्रेरियन एसोसिएशन, वाराणसी के अध्यक्ष डा. रामकुमार दांगी, डा. अभिषेक त्रिपाठी व सुचिता सिंह ने कार्यक्रम को सफल तौर पर संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई।
राष्ट्रीय वेबिनार आज से
भारतीय शिक्षण मंडल, काशी प्रांत एवं भारतीय प्रबंध विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में 'कोविड-19 का भारत पर प्रभाव: शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य' विषयक राष्ट्रीय वेबिनार 16 मई से आयोजित होगा। वेबिनार के मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षण मंडल की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुणा सारस्वत होंगी। इसमें देश के कई विश्वविद्यालयों के कुलपति भी प्रतिभाग करेंगे।