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शिमला में खुलेगा बीएचयू का रिसर्च सेंटर, पूर्व राष्ट्रपति को दान में मिला था एक किलोमीटर वर्ग क्षेत्र का भू-भाग

शिमला माल रोड पर स्थित करीब एक किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में इस भू-भाग पर कभी अंग्रेजों का कब्जा था। यह जमीन बेहद प्राइम लोकेशन पर स्थित है। इस जमीन को शिमला सरकार अधिग्रहित करना चाहती थी मगर बीएचयू ने इसे कानून व नियमों की दुहाई देकर अपना पास ही रखा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 08:10 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 08:10 AM (IST)
शिमला में खुलेगा बीएचयू का रिसर्च सेंटर, पूर्व राष्ट्रपति को दान में मिला था एक किलोमीटर वर्ग क्षेत्र का भू-भाग
काशी हिंदू विश्वविद्यालय अब शिमला में रिसर्च सेंटर बनाने का निर्णय लिया है

वाराणसी, जेएनएन। काशी हिंदू विश्वविद्यालय अब शिमला में रिसर्च सेंटर बनाने का निर्णय लिया है। इस शोध संस्थान में विज्ञान से लेकर लोक कलाओं पर अध्ययन किया जाएगा। प्रभारी कुलपति प्रो. वीके शुक्ला की अध्यक्षता में गत दिनों हुई कार्यकारिणी परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद की मुहर लगने केे बाद अब शिमला में रिसर्च सेंटर खुलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

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पूर्व राष्ट्रपति व काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. राधाकृष्णन को यह भूमि दान में मिली थी। माल रोड पर स्थित करीब एक किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में इस भू-भाग पर कभी अंग्रेजों का कब्जा था। यह जमीन बेहद प्राइम लोकेशन पर स्थित है। इस जमीन को शिमला सरकार अधिग्रहित करना चाहती थी, मगर बीएचयू ने इसे कानून व नियमों की दुहाई देकर इसे अपना पास ही रखा। बताया जाता है कि उस जमीन पर शिमला के स्थानीय लोगों ने दुकानें खोल रखी हैं। वर्तमान में वहां पर कोई भवन नहीं निर्मित हुआ है। पिछले दिनों कमेटी ने मूल्यांकन करने के बाद यहां सेंटर बनाने का प्रस्ताव दिया था। उस पर कार्यकारिणी परिषद ने अपनी मुहर लगा दी है। इसके साथ ही शिमला में गेस्ट हाउस कांप्लेक्स भी बनाए बनाया जाएगा। कार्यकारिणी परिषद ने अपनी मुहर लगने के बाद बीएचयू प्रशासन अब जल्द ही भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू करेगा।

बीएचयू परिसर में विश्वस्तरीय ऑडिटोरियम बनाए जाने के प्रस्ताव पर भी मुहर

बीएचयू परिसर में सांगानेरिया फाउंडेशन की ओर से विश्वस्तरीय ऑडिटोरियम बनाए जाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गई। कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी ने बताया कि कार्यकारिणी परिषद ने ऑडिटोरियम के प्रस्ताव को स्वीकार किया है। यह भी फैसला लिया गया है कि स्वतंत्रता भवन के पीछे ऑडिटोरियम बनाया जाएगा और यह बिल्कुल बीएचयू के आर्किटेक्चर की तरह ही होगा। परिषद ने प्रो. आनंद चौधरी को चीफ प्रॉक्टर बनाए जाने के आदेश सहित शिक्षण, शोध, विकास से जुड़े मामलों पर भी सहमति दी।


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