लंबी छुट्टी के बाद आज खुला बीएचयू, हाई अलर्ट पर पुलिस और प्रशासन
सिंहद्वार से लेकर हर गेट पर सीसीटीवी कैमरे एवं सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई है, किसी भी स्थिति से निबटने के लिए बीएचयू प्रशासन ने जिला प्रशासन एवं पुलिस से मदद की गुहार लगाई है।
वाराणसी (जागरण संवाददाता)। 23 सितंबर से बंद काशी हिंदू विश्वविद्यालय मंगलवार को खुल गया। इसको लेकर अधिकारियों के माथे पर बल हैं। हॉस्टल खाली कराने की नीयत से भेजे गए विद्यार्थी अब वापस आ गए हैं। बीएचयू का यह बवाल छेड़खानी के विरोध में धरना देने वाली छात्रओं पर लाठीचार्ज के बाद बढ़ा था। मंगलवार से विश्वविद्यालय के खुलने को लेकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
सिंहद्वार से लेकर हर गेट पर सीसीटीवी कैमरे एवं सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई है। किसी भी स्थिति से निबटने के लिए बीएचयू प्रशासन ने जिला प्रशासन एवं पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। आइआइटी के प्राक्टोरियल बोर्ड से भी मदद मांगी गई है। इसको लेकर चीफ प्राक्टर प्रो. रॉयना सिंह ने सोमवार को अधिकारियों की बैठक ली।
Varanasi: Classes to resume in BHU from today after Dussehra vacations, tight security arrangements by University administration. #BHUClash pic.twitter.com/fL2XE07DfS— ANI UP (@ANINewsUP) October 3, 2017
उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया। उधर, पुलिस भी इसको लेकर काफी चिंतित है। स्थानीय पुलिस से लेकर पीएमओ भी इस मामले को लेकर पल-पल की खबर ले रहा है। ताकि आगे कोई घटना न हो।
आज से तैनात होंगी महिला गार्ड: डीएम के निर्देश पर बीएचयू में महिला गार्ड नियुक्त कर ली गई हैं। आइआइटी, बीएचयू ने भी 15 महिला गार्डो की मांग की है।
प्रतिबंधित होगा हॉस्टल एरिया: छेड़खानी एवं बवाल की घटनाओं को लेकर बीएचयू में हॉस्टल एरिया को प्रतिबंधित करने की तैयारी चल रही है ताकि बाहरी लोगों के अनावश्यक आवागमन पर रोक लगे।
अपर मुख्य सचिव के समक्ष छात्रओं ने दिया बयान: बीएचयू में छेड़खानी के खिलाफ धरने पर बैठने वाली छात्रओं पर हुए लाठीचार्ज एवं बवाल की जांच को लेकर सोमवार को प्रदेश की टीम विश्वविद्यालय में धमकी। टीम में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह प्रमुख थे। टीम ने त्रिवेणी एवं एमएमवी हास्टलों की छात्रओं सहित कुछ अधिकारियों से भी पूछताछ की। छात्रओं ने बवाल के लिए बीएचयू प्रशासन को घेरते हुए बयान दिया।
छात्राओं की मांगें थीं उचित: सूत्र बताते हैं कि टीम ने त्रिवेणी संकुल पहुंचकर करीब दो दर्जन छात्र-छात्रओं से बातचीत की। इस दौरान टीम ने भी माना छात्रओं की परिसर में लाइट, सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा आदि मांगें उचित थीं। ऐसे में कुलपति अगर छात्राओं के बीच जाकर उनकी मांगें मान ली होती तो बवाल न होता।
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छुट्टी पर गए कुलपति: विवाद और दबाव में घिरे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति डॉ. गिरीश चंद त्रिपाठी सोमवार को अंतत: छुट्टी पर चले गए। छुट्टी पर जाने के पीछे उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है। उन्होंने यह कदम हंगामे के चलते पिछले कई दिनों से बंद पड़े बीएचयू कैंपस के खुलने के ठीक एक दिन पहले उठाया है। आशंका जताई जा रही थी कि कुलपति को हटाने को लेकर छात्र फिर से हंगामा कर सकते है। मंत्रालय भी इस पूरी स्थिति पर नजरें रखे हुए था।
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