छेड़खानी पर बोलीं बीएचयू की छात्राएं - हमें जो बताना था बता दिया, अब कुछ नहीं कहना
जंतुविज्ञान विभाग के प्रो. शैल कुमार चौबे के ऊपर एजुकेशनल टूर पर गई छात्राओं द्वारा छेड़खानी के आरोप मामले में गुरुवार को जांच कमेटी ने पूछताछ जारी रखी।
वाराणसी (जेएनएन) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जंतुविज्ञान विभाग के प्रो. शैल कुमार चौबे के ऊपर एजुकेशनल टूर पर गई छात्राओं द्वारा छेड़खानी और अश्लील फब्तियों के आरोप मामले में गुरुवार को जांच कमेटी ने पूछताछ जारी रखी। सूत्रों का कहना है कि टूर पर गए छात्र-छात्राओं की पूरी टीम से एक दिन पूर्व एक-एक कर पूछताछ करने वाली कमेटी ने दोबारा दस चुनिंदा छात्र-छात्राओं को बुलवाया। कुछ ही लोगों से दोबारा पूछताछ को लेकर सशंकित छात्रों ने एकजुटता दिखाई और पूरी क्लास विज्ञान संस्थान के निदेशक दफ्तर पहुंच गई। वहां कमेटी संग आरोपित प्रोफेसर को देख छात्रों की आशंका बढ़ गई। उन्होंने कमेटी को दो टूक जवाब दिया कि हमें जो बताना था वो बता चुके हैं अब इस मामले में और कुछ नहीं कहना है।
कमेटी में संस्थान की ग्रिवांस सेल की अध्यक्ष प्रो. सुषमा घिल्डियाल, प्रो. निर्मला होरो सहित अन्य ने टूर पर गए अन्य प्रोफेसरों व कर्मियों से भी जानकारी ली। सभी का मौखिक बयान लेने के बाद लिखित तौर पर भी अपनी बात रखने को कहा गया। इसके बाद अलग से महज दस छात्र-छात्राओं को सूचना भिजवाई गई कि दोबारा आकर बयान दर्ज कराएं। विभाग से लेकर हॉस्टल तक जब यह बात पता चली तो पूरी क्लास के बच्चे साथ में निदेशक दफ्तर पहुंच गए। उनके साथ संस्थान के कुछ दूसरे विभाग के छात्र-छात्राएं भी पहुंचे। कमेटी के साथ आरोपित प्रोफेसर को देखकर सभी का माथा ठनका। सूत्र के अनुसार छात्रों ने कहा कि अलग से सिर्फ दस विद्यार्थियों से क्यों दोबारा पूछताछ की जा रही है, क्या अब यही रह गया है कि हम बार-बार बयान दर्ज करा कर मानसिक प्रताडऩा झेलें। कमेटी की ओर से सफाई दी गई कि हम सिर्फ यह जानना चाह रहे हैं कि किसी को अपना बयान बदलना तो नहीं है, छात्रों ने कहा हमने जो एक दिन पहले कहा, उस पर अडिग हैं। करीब 15 मिनट बाद सभी विद्यार्थी वहां से लौट आए।
घर वालों को दी जा रही सूचना
छेड़खानी के इस प्रकरण में बीएचयू प्रशासन की ओर से दोहरे मानदंड अपनाए जाने का आरोप भी चर्चा में आने लगा है। एक ओर कुलपति ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि प्रकरण सही है तो कड़ी कार्रवाई होगी, दूसरी ओर जांच कमेटी अलग की रणनीति अपना रही है। सूत्रों का कहना है कि बयान दर्ज कराने वाले विद्यार्थियों में से कुछ के घर फोन कर उनके अभिभावकों से बातचीत की गई और कुछ को बुलाया भी गया है। संस्थान से जुड़े छात्र-छात्राओं का कहना है कि ऐसे तो कई लोग दबाव में आकर टूट जाएंगे। यह हाल तब है जबकि पूरी क्लास एकजुट है, यदि कोई अकेली छात्रा अपने साथ ऐसी किसी घटना की शिकायत करे तो उसे तो न जाने कैसी स्थिति झेलनी होगी।
लामबंद हो रहे अन्य विभागों के छात्र
जंतुविज्ञान विभाग के प्रकरण में अब संस्थान के दूसरे विभागों के भी छात्र-छात्राओं की लामबंदी होने लगी है। इसका उदाहरण है गुरुवार को जब पूरी क्लास कमेटी के सामने पहुंची तो उनके साथ वनस्पति विज्ञान व रसायनशास्त्र विभाग के भी छात्र मौजूद थे। उधर, विज्ञान संस्थान से जुड़े हॉस्टलों व विभागों में इस पूरे मामले को लेकर चौकस नजर है कि सही जांच होती है कि लीपापोती की जाएगी।
बोलीं जांच अधिकारी : इस मामले में हम जांच के किसी पहलू को भी छोडऩा नहीं चाहते हैं। ऐसे में कई राउंड पूछताछ भी करनी पड़ेगी तो की जाएगी। हर पक्ष को पूरा मौका दिया जाएगा, जांच में समय लग सकता है। -प्रो. सुषमा घिल्डियाल, चेयरपर्सन, ग्रिवांस सेल-विज्ञान संस्थान।