नौ माह बाद खुला BHU, सबसे पहले विज्ञान संकाय के शोध छात्रों को मिली अनुमति
वाराणसी में कोरोना महामारी के बढ़ने के चलते नौ माह के लंबे इंतजार के बाद आज बीएचयू में पठन-पाठन शुरू हो गया है। 23 मार्च को लाकडाउन की घोषणा होते ही बीएचयू में एकेडमिक गतिविधियां रूक गईं थीं।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते नौ माह के लंबे इंतजार के बाद आज बीएचयू में पठन-पाठन शुरू हो गया है। 23 मार्च को लाकडाउन की घोषणा होते ही बीएचयू में एकेडमिक गतिविधियां रूक गईं थीं। लेकिन, अब परिसर खुलने की शुरूआत चरणबद्ध तरीके से पढ़ाई आरंभ हो रही है। इसमें सबसे पहले विज्ञान विषयों के शोध छात्रों को आने की अनुमति दी गई है।
पीएचडी के अंतिम वर्ष के छात्र अब अपने शोध कार्य संबंधित विभागों व प्रयोगशालाओं में आकर कर सकेंगे। इसके अलावा बीएचयू द्वारा एक एसओपी स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर भी तैयार किया गया है, जिसके पालन व निगरानी के लिए कोर समितियों का गठन किया जा रहा है। ये समितियां कोविड के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा करती रहेंगी। इनके रिपोर्ट के आधार पर अन्य विषयों के विभागों को खोलने पर भी निर्णय लिया जाएगा।
छात्रों ने तैयार की दस बिंदुओं की एसओपी
जैसे-जैसे संकाय में पठन-पाठन शुरू होगा, वैसे ही हर संकाय एक कोर समिति का गठन करेगा, जिससे मानकों के पालन समेत उनके प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही विभाग और छात्रावास स्तर पर भी समितियों का गठन करने का फैसला विश्वविद्यालय द्वारा लिया जाएगा। नियमों के पालन संबंधी ये एसओपी स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय व राज्य सरकारों द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिए जारी सुरक्षा मानकों पर ही आधारित होंगी।
अब तक कृषि विज्ञान संस्थान, पर्यावरण एवं सतत विकास, चिकित्सा विज्ञान, पशु चिकित्सा विज्ञान के छात्रावासों में स्वयं छात्रों द्वारा एक दस बिंदुओं वाली एसओपी तैयार की गई है। इसमें मास्क, सैनिटाइजर समेत शारीरिक दूरी का पालन करने को अनिवार्य किया गया है। वहीं यह भी कहा गया है कि हम छात्र किसी बाहरी को छात्रावास में प्रवेश नहीं करने देंगे। इसके साथ ही छात्रों ने कहा है कि यदि वे कोरोना पीड़ित पाए जाते हैं, तो तत्काल छात्रावास खाली कर अस्पताल या घर चले जाएंगे।