शोधगंगा पर पीएचडी थीसिस के मामले बीएचयू रहा फिसड्डी, मात्र 254 शोध ही हैं उपलब्ध
डिजिटल प्लेटफार्म शोधगंगा इंफ्लिबनेट पर बीएचयू के मात्र 254 शोध ही उपलब्ध हैं।
वाराणसी [हिमांशु अस्थाना]। काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने इस वर्ष 23 व 24 दिसंबर को दीक्षा समारोह में पीएचडी की 732 व एम फिल की 12 उपाधियां प्रदान की। हर साल अगर इतने मान लिए जाए तो अब तक कई हजार पीएचडी उपाधियों का आवंटन बीएचयू ने कर दिया है। लेकिन पीएचडी थीसिस के डिजिटल प्लेटफार्म शोधगंगा इंफ्लिबनेट पर बीएचयू के मात्र 254 शोध ही उपलब्ध हैं। जबकि हर मामले में बीएचयू से कनिष्ठ वीर बहादुर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 8132 थीसिस शोधगंगा पर उपलब्ध हैं। हाल ही में सुर्खियों में रहने वाले संस्थान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 8147, जेएनयू के 4721, जामिया मिलिया इस्लामिया के 461 व कलकत्ता विश्वविद्यालय के 11908 शोध वेबसाइट पर अपलोड हैं। 2700 एकड़ में फैले देश के पांच इंस्टिट्यूट आफ एमिनेंस में से एक बीएचयू में तीन बड़े संस्थान, 14 संकाय व 140 विभाग हैं। इतना बड़ा दायरा जिस विश्वविद्यालय का हो और आनलाइन मंच पर पीएचडी की थीसिस मात्र 254 ही उपलब्ध हो, तो इससे साबित होता है कि बीएचयू इस मामले कई संस्थानों के मुकाबले बहुत फिसड्डी है।
क्या कहता है यूजीसी का नियम
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियम 2016 के मुताबिक एम फिल व पीएचडी उपाधि प्रदान किए जाने की घोषणा से पूर्व शोध की एक इलेक्ट्रानिक प्रति इंफ्लिबनेट के पास जमा करनी होगी, ताकि सभी विश्वविद्यालयों तक इसकी पहुंच बनाई जा सके।
भोपाल के विवि भी हैं फिसड्डी
द श में कई ऐसे भी संस्थान हैं जिनके एक या एक भी शोध अब तक अपलोड नही हैं। वहीं भोपाल के भोज विवि, बरकातुल्ला व जागरण लेक सिटी विश्वविद्यालय के मात्र एक शोध वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
अपलोड को लेकर हुआ है एमओयू
ब एचयू और यूजीसी के इंफ्लिबनेट के बीच वर्ष 2015 में एक एमओयू हुआ था, जिसके तहत पीएचडी अवार्ड किए जाने वाले अभ्यर्थियों के शोध को इंफ्लिबनेट में भेजा जाएगा, जिसे शोधगंगा पर अपलोड किया जाएगा।
न हो थीसिस की चोरी इसलिए की गई थी शुरूआत
इसकी शुरूआत यूजीसी द्वारा वर्ष 2009 में थीसिस की चोरी व कापी पेस्ट की समस्या से निजात दिलाने के लिए की गई थी। वहीं इससे देश भर के शोधार्थियों के शोध कार्य का लाभ भारत के दूसरे कोने पर बैठे व्यक्ति व छात्र को मिलता है।
75 संस्थानों ने अब तक नहीं दिया है कोई योगदान
शोधगंगा वेबसाइट के मुताबिक फुल टेक्स्ट थीसिस कुल 249563 व 6450 सिनोप्सिस अपलोड हैं, वहीं 490 संस्थानों के साथ यूजीसी का एमओयू हुआ है व 415 विश्वविद्यालय इसमें अपना योगदान दे रही हैं। इसमें 75 संस्थानों ने अभी तक अपना कोई भी योगदान नहीं दे सके हैं।
ये विश्वविद्यालय हैं सबसे आगे
कलकत्ता विश्वविद्यालय - 11908
सावित्रीबाई फूले, पुणे - 10451
अन्ना विवि - 8905
मद्रास विवि - 8284
अलीगढ़ विवि - 8147
वीबीएस पूर्वांचल विवि - 8132
पंजाब विवि - 7410