बीएचयू बवाल : हड़ताल खत्म होने के नहीं दिख रहे आसार, परेशान हैं बीमार-तीमारदार
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मेडिको- नॉन मेडिका के बीच मारपीट व बवाल के बाद उपजे संकट का दौर पांचवे दिन भी जारी रहा, जिससे बीमार और तीमार दोनों ही परेशान रहे।
वाराणसी (जेएनएन) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मेडिको- नॉन मेडिका के बीच मारपीट व बवाल के बाद उपजे संकट का दौर पांचवे दिन भी जारी रहा। कुलपति प्रो. राकेश भटनागर, जिला प्रशासन सहित आइएमएस के पदाधिकारियों की अपील भी काम नहीं आई। सूत्रों के अनुसार मांगे मान लिए जाने के बाद भी जारी जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के पीछे दरअसल बीएचयू के ही कुछ शिक्षकों का हाथ है।
फिलहाल ऐसे लोग जिला प्रशासन के रडार पर हैं, जिनके चेहरों पर पड़े पर्दे को जल्द ही हटाया जा सकता है। हालांकि शनिवार की रात जूनियर डाक्टरों ने पूरे घटनाक्रम को लेकर अपनी बात फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने भी रखी है। गिरते-संभलते चल रही बीएचयू हास्पिटल की व्यवस्था ने आखिरकार शनिवार को जवाब देना भी शुरू कर दिया है। कुछ विभागों की ओपीडी को छोड़कर अन्य में दोपहर तक ताला लटकने लगा। मरीजों की भीड़ के बाद भी कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने उन्हें देखना तक गवारा न समझा और उठकर चलते बने।
हालांकि चिकित्सा अधीक्षक ने भरसक प्रयास किया, मगर वे नाकाफी साबित हुए। दूर-दराज के मरीज तो वैसी ही बीएचयू आने से कतरा रहे हैं। ऐसे में जो यहां पहुंच भी रहे हैं, उनमें से कुछ खुशनसीबों को ही इलाज मिल रहा है। इससे पूर्वांचल सहित बिहार, बंगाल व नेपाल से बीएचयू आने वाले मरीजों व परिजनों में बहुत ही नकारात्मक संदेश जा रहा है। उधर, इससे उपजे संकट के कारण मंडलीय चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय सहित निजी हास्पिटल में मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत बढ़ी है।