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मौसम का पूर्वानुमान अब संभव, अगले 100 वर्षो तक मौसम की जानकारी देगा बीएचूय

एचपीसी की सहायता से लगभग 50-100 वर्षो तक के मौसम का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। निश्चित ही देश व स्थानीय कृषि वर्ग को इसका लाभ मिलेगा।

By Edited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 01:29 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 01:29 AM (IST)
मौसम का पूर्वानुमान अब संभव, अगले 100 वर्षो तक मौसम की जानकारी देगा बीएचूय
मौसम का पूर्वानुमान अब संभव, अगले 100 वर्षो तक मौसम की जानकारी देगा बीएचूय

वाराणसी, जेएनएन। जलवायु परिवर्तन वर्तमान में एक बड़ा कारण है। इसके लिए एक समाज या एक देश नहीं, बल्कि सभी जिम्मेदार हैं। यह कहना है विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सलाहकार डा. अखिलेश गुप्ता का। वह सोमवार को बीएचयू के पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान स्थित डीएसटी- महामना जलवायु परिवर्तन उत्कृष्ट शोध केंद्र में हाई परफार्मेस कंप्यूटरिंग प्रयोगशाला के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। वर्तमान समस्या के हर पक्ष को समझने की जरूरत पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस केंद्र का उद्देश्य मानव संसाधन की क्षमता का निर्माण करना है और प्रत्येक छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक योग्यता को विकसित करना है।

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वहीं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डा. मंगला राय ने प्रतिदिन पृथ्वी की वहन क्षमता कम होने व संसाधनों के दुरुपयोग से उत्पन्न संकट पर प्रकाश डाला। शोध कार्य की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान समस्या के हर पक्ष को समझने की आवश्यकता है। संबंधित वैज्ञानिक सिद्धांत और तकनीकि के समन्वय से ही उसका निदान संभव है। पुर्वानुमान से कृषि वर्ग होंगे लाभान्वित केंद्र के संयोजक प्रो. आरके मल्ल ने कहा कि केंद्र में प्रमुख रूप से जन व स्वास्थ्य के क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव संबंधी अध्ययन किया जा रहा है।

एचपीसी की सहायता से लगभग 50-100 वर्षो तक के मौसम का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। निश्चित ही देश व स्थानीय कृषि वर्ग को इसका लाभ मिलेगा। केंद्र की वेबसाइट भी हुई लांच संगोष्ठी के उपरांत डा. अखिलेश गुप्ता, डा. मंगला राय व डा. अनिल कुमार गुप्ता ने एचपीसी प्रयोगशाला की शुरूआत डिजिटल तरीके से किया। इस दौरान केंद्र की वेबसाइट भी लांच की गई। स्वागत आइइएसडी के निदेशक अखिलेश सिंह रघुवंशी व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. जीएस सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. बीआरडी गुप्ता, प्रो. एसबी पटेल, डीसी राय आदि थे।


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