BHU Campus Placement चयनित छात्रों की ज्वाइनिंग पर नहीं होगा लॉकडाउन का कोई असर
बीएचयू में लॉकडाउन के पहले तक जिन-जिन छात्रों का कैंपस प्लेसमेंट हुआ है उनके माथे पर अब चिंता की लकीरें पडऩे लगी हैं।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू में लॉकडाउन के पहले तक जिन-जिन छात्रों का कैंपस प्लेसमेंट हुआ है, उनके माथे पर अब चिंता की लकीरें पडऩे लगी हैं। जनवरी से लेकर मार्च तक ओएनजीसी, केयर इंडिया सहित कई कंपनियों ने बीएचयू में प्लेसमेंट ड्राइव चलाया, जिसमें 800 से ज्यादा छात्र चयनित हुए। सेमेस्टर परीक्षा के बाद उनकी ज्वाइनिंग जुलाई से अगस्त तक होनी थी। छात्रों की शंकाओं पर बात करते हुए ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल ऑफिसर डा. उमेश सिंह ने बताया कि कंपनियों से नियमित तौर पर बातचीत कर सूचनाओं का आदान-प्रदान हो रहा है। वहीं प्लेसमेंट सेल के कोऑॢडनेटर प्रो. एच बी माथुर के परामर्श के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय को लगभग 842 चयनित छात्रों की सूची और कंपनियों के विवरण भी भेजे गए हैं। इसके तहत मंत्रालय से निवेदन किया गया है कि कोरोना संकट के बीच कंपनियां कहीं ज्वाइनिंग के निर्णय को बदल न लें, बातचीत कर मंत्रालय उन कंपनियों को पत्र जारी करे।
चयनित छात्रों से बातचीत
रूरल डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट में एमए करने वाले गिरिडीह के सुजीत कुमार ने बताया कि उनका मार्च में केयर इंडिया में चयन हुआ है, लेकिन कोरोना कहर के कारण मन में एक डर बैठ गया है। हालांकि प्लेसमेंट सेल की ओर से यह सुनिश्चित किया गया है कि ज्वाइनिंग अपने सही समय पर होगी। एमएससी टेक इन जियो फिजिक्स कोर्स की सौम्या श्रीवास्तव ने बताया कि उनका चयन 16 जनवरी को महारत्न कंपनी ओएनजीसी में हुआ है। कोरोना के कारण मन में एक शंका तो है, लेकिन कंपनियां भी अभी सुचारु रूप से संचालन में नहीं आई हैं। वहीं विवि से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण घटने के बाद यूजीसी के गाइडलाइन के आधार पर सेमेस्टर परीक्षाएं कराकर ज्वाइनिंग समय पर करा दी जाएगी। केयर इंडिया में चयनित सरिता मिश्रा ने बताया कोई चिंता की बात नहीं है सब कुछ सामान्य होने पर ज्वाइनिंग हो जाएगी, प्लेसमेंट सेल की ओर से भी जॉब सिक्योरिटी को लेकर हमे सुनिश्चित किया गया है। कैसपोर माइक्रो फाइनेंस में चयनित पटना की रजनी कुमारी ने बताया कि सेल के अधिकारियों का रुख प्लेसमेंट को लेकर काफी सकारात्मक है, यदि लॉकडाउन बढ़ता है तो ऑनलाइन परीक्षा आदि पर विचार विवि को किया जाना चाहिए। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में चयनित झारखंड के मनीष कुमार के मुताबिक वह ज्वाइनिंग को लेकर निश्चिंत हैं, लेकिन संतुष्टि के लिए कंपनी के अधिकारियों से भी वह बातचीत करते रहेंगे।