भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की धरोहर पर चल रहा हथौड़ा, वाराणसी प्रशासन बेखबर
भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां फज्र की नमाज के बाद रियाज करते थे जिसमें उनकी यादें वक्त ने धड़कन की तरह संजोई वाराणसी में अब उसी दरो-दीवार पर हथौड़े चल रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। सराय हड़हा क्षेत्र के जिस घर में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां फज्र की नमाज के बाद रियाज करते थे, जिसमें उनकी यादें वक्त ने धड़कन की तरह संजोई, अब उसी दरो-दीवार पर हथौड़े चल रहे हैं। इसकी खबर न स्थानीय प्रशासन को है और न ही चाहत का दावा करने वालों को। जिस घर को हृदय योजना के तहत सजा-संवार कर दुनिया के सामने पेश करना चाहिए, धनराशि जारी होने के बाद भी उसकी उपेक्षा की गई।
दो दिन बाद यानी 21 अगस्त को उस्ताद की 14वीं बरसी है। इन 14 सालों में न तो सरकारों ने अपने वादे निभाए और न ही परिवार की माली ही बेहतर हो सकी। मकान जर्जर हो चुका था। कई बार गुहार भी लगाई गई, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। मजबूरी में परविार के कुछ सदस्यों ने घर को व्यावसायिक भवन में तब्दील करने का फैसला किया, ताकि माली हालत में कुछ सुधार हो सके। इस व्यवसायिक भवन में उस्ताद की धरोहर सहेजने के लिए भी अलग से स्थान उपलब्ध कराने का भी दावा किया जा रहा है। मगर उस्ताद की बड़ी बेटी जरीना बेगम सहित परिवार के अधिकांश लोगों ने कड़ा ऐतराज किया। उनका मानना था कि उस्ताद परिवार या केवल बनारस तक ही सीमित नहीं हैं, उनके चाहने वाले देश-दुनिया में हैं। उनकी स्मृतियों से किसी भी प्रकार की छेड़-छाड़ करना, उनके चाहने वालों और देश की सांस्कृतिक विरासत से खिलवाड़ करने जितना बड़ा अपराध है। ऐसे करने से हम भावी पीढ़ी को भला क्या दिखा पाएंगे और क्या बताएंगे। इस पर बिल्डर की ओर से परिवार को धमकी भी दी गई। परिवार के ही एक सदस्य ने दावा किया कि इसके लिए बिल्डर ने न तो नक्शा पास कराया है और न ही वीडीए से अनुमति ली है। बात जब उस्ताद के सबसे छोटे बेटे यश भारती से पुरस्कृत तबला वादक नाजिम हुसैन व उस्ताद की मुंहबोली बेटी शास्त्रीय गायिका सोमा घोष तक पहुंची तो उन्होंने भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। सोमा घोष ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से उस्ताद की धरोहर बचाने की अपील की है।
हृदय योजना के तहत जीणोद्धार का था इंतजार
उस्ताद की सांस्कृतिक विरासत को संजोने के क्रम में हृदय योजना के तहत इसका जीर्णोद्धार कराते हुए आस-पास के क्षेत्र का सुंदरीकरण होना था। सूत्रों के मुताबिक धनराशि दो साल पहले ही अवमुक्त हो चुकी है। बावजूद इसके अभी तक काम शुरू होना तो दूर की बात, सर्वे करने के लिए कोई टीम तक नहीं पहुंची।
उस्ताद की चांदी की शहनाई हुई थी चोरी
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के इसी पुश्तैनी मकान से उनकी चांदी की तीन बेशकीमती शहनाई भी चोरी हो गई थी। चार दिसंबर 2016 की रात शहनाई चोरी होने की एआइआर दर्ज होने के बाद यूपी एसटीएफ टीम को लगा दिया गया था। बाद में पता चला कि चोरी में उनके परिवार के लोग ही शामिल थे। इस मामले में उस्ताद के सगे पोते नजरे हसन व दो सोनारों की गिरफ्तारी हुई थी।
सूचना मिलने पर उसे तत्काल टीम भेज कर रोक दिया गया
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के मकान को तोडऩे की सूचना मिलने पर उसे तत्काल टीम भेज कर रोक दिया गया है। वहां बिना अनुमति के किसी प्रकार का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। नगर आयुक्त को भी इसकी सूचना भेजी गई है।
-राहुल पांडेय, उपाध्यक्ष वीडीए
कॉमर्शियल बिल्डिंग बनाने का काम शुरू
भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के मकान में तोड़फोड़ पर आपत्ति दर्ज करने वालों में उनके पोते अफाक हैदर भी शामिल हैं। वे बताते हैं कि खान साहब ने बड़ी मेहनत से अपने धरोहर रूपी मकान को खड़ा किया था। इसीलिए कोई नहीं चाहता कि मकान तोड़ा जाए। ये बात सच है कि मकान जर्जर भी हो चला है, उसकी रिपेयरिंग के लिए दरख्वास्त दिया था लेकिन परिवार के लोगों की सहमति न बन पाने के कारण यह न हो सका। इसके अलावा हृदय योजना के तहत भी मकान को धरोहर के रूप में बनवाने के लिए पैसा प्रशासन के पास आया है लेकिन उनके बड़े पिता के बेटे यानी खान साहब के दूसरे पोते चाहते हैं कि पूरी बिल्डिंग तोड़कर कॉमर्शियल बिल्डिंग बने। इस पर परिवार के दो लोग सहमत हैं, जबकि अन्य इसके लिए तैयार नहीं हैं।