पूर्वांचल में भारत बंद का मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में दिखा असर, पुलिस ने धरना प्रदर्शन पर दिखाई सख्ती
पूर्वांचल में सीएए के विरोध में भारत बंद को लेकर प्रशासन और प्रदर्शनकारी कई जगहों पर आमने सामने आ गए।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में सीएए के विरोध में भारत बंद को लेकर प्रशासन और प्रदर्शनकारी कई जगहों पर आमने - सामने आ गए। हालांकि पुलिस प्रशासन ने सभी काे वापस लौटाते हुए कानून व्यवस्था का हवाला भी दिया। इस दौरान मऊ और आजमगढ़ आदि जिलों के मुस्लिम बहुल इलाकों में बाजार बंदी रही और कारोबारियों ने अपनी दुकानें बंद कर विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया। वहीं दोपहर बाद जौनपुर और चंदौली आदि जिले में भी कई इलाकों में लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर कारोबार बंद रखा। हालांकि शेष पूर्वांचल में कहीं किसी प्रकार के धरना प्रदर्शन और बाजार बंदी की सूचना नहीं होने से प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।
बुधवार को मऊ में सीएए के विरोध में भारत बंद को सफल बनाने के लिए समर्थकों द्वारा कस्बे के नयापुरा मोहल्ले में जलूस निकालने पर पुलिस ने रोक दिय। इस दौरान पुलिस और भारत बंद समर्थकों के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने जुलूस की अगुवाई कर रहे एक व्यक्ति को इस दौरान गिरफतार कर लिया और बैनर व तख्तियां छीन ली। वहीं सुरक्षा कारणों से मौके पर एसओ, सीओ घोसी और पुलिस बल के जवानों की तैनात कर दी गई है। वहीं सुरक्षा कारणों से पूर्वांचल के मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रशासनिक सक्रियता भी बढ़ा दी गई है।
बहुजन क्रांति मोर्चा सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों की ओर से 29 जनवरी को भारत बंद का आहवान किया गया था। इसको लेकर प्रशासन भी काफी सक्रियता के साथ विरोध प्रदर्शन से निपटने की तैयारियों में लगा हुआ था। बुधवार को जिन इलाकों में धरना प्रदर्शन किया गया वहां प्रशासन ने लोगों को समझा बुझाकर वापस भी कर दिया। हालांकि कुछ मुस्लिम बहुल इलाकों में बाजार बंदी की वजह से अमूमन शांति व्यवस्था बनी रही। इस दौरान सुरक्षा कारणों से ऐसे संभावित स्थलों पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की सतर्कता बनी रही और चक्रमण करते रहने से कहीं भी अप्रिय खबर की सूचना दोपहर बाद तक नहीं रही। बहुजन क्रांति मोर्चा के बैनर तले पूरे देश में सीएए, एनआरसी और ईवीएम के विरोध में भारत बंद का आयोजन किया गया है। संगठन की ओर से मांग है कि डीएनए के आधार पर ही एनआरसी लागू किया जाए। इसको लेकर 29 जनवरी को भारत बंद का आयोजन संगठन की ओर से की गई है।
मऊ में सर्वाधिक असर
भारत बन्द को लेकर अमूमन पूर्वांचल में कहीं कोई हलचल नहीं रही मगर मऊ जिले में मुस्लिम बहुल अदरी क्षेत्र में लोगों ने सुबह से ही धरना प्रदर्शन बहुजन क्रांति मोर्चा के बैनर तले शुरू किया। इस दौरान बाजार बंदी के अलावा बुनकर बहुल इलाकों में लूम भी बंद रखा गया। मौके पर पहुंची पुलिस के समझाने बुझाने के बाद भारत बंद समर्थकों ने जलूस को रोक दिया। हालांकि इस दौरान मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बीच बंद समर्थकों को खदेड़ा भी गया। जिला प्रशासन ने कड़ी मशक्कत के बाद जुलूस को रोका तो लोगों ने एनआरसी के विरोध में प्रशासन को ज्ञापन भी दिया। वहीं सुरक्षा कारणों से धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे दो लोगों को पुलिस पकड़ कर थाने भी ले आई।
जौनपुर में सीएए और एनआरसी का विरोध
खेतासराय क्षेत्र में भीम आर्मी के भारत बंद के आह्वान पर जहां मानीकलां बाजार में बुधवार को बंदी रही वहीं कई संगठनों ने मिलकर सीएए व एनआरसी के विरोध में जुलूस निकालकर इसे काला कानून बताया। वहीं नारेबाजी कर इससे आजादी मांगी। उक्त गांव में एक दिन पूर्व से ही यहां कई संगठनों के साथ ही सपा, बसपा, एआईएमआईएम ने पहले जुलूस की तैयारी कर लोगों से समर्थन मांगा। इसके बाद बुधवार को मानीकलां पूरब से समूचे बाजार में लगभग एक हजार की संख्या में जुलूस निकालकर सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली और नारेबाजी की। 'हमें चाहिए आजादी, काला कानून वापस लो' आदि नारों के साथ समूचे बाजार का भ्रमण कर जुलूस आम्बेडकर प्रतिमा के पास समाप्त हुआ। वहीं इसके समर्थन में वर्ग विशेष की दुकानें बंद रहीं। जुलूस के पूर्व ही सीओ जितेंद्र दुबे, उपजिलाधिकारी शाहगंज राजेश वर्मा और थाना पुलिस खेतासराय ने लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन विफल रहे।
सीएए और एनसीआर के विरोध में बुधवार को भारत बंद के आवाहन के समर्थन में बहुजन क्रांति मोर्चा और भीम सेना के कार्यकर्ताओं ने खुटहन तिराहे पर डॉ. इंद्रजीत भंडारी के नेतृत्व में जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस द्वारा जुलूस को रोके जाने पर थोड़ी देर के लिए जाम भी लगाया गया। करीब एक घंटे तक विरोध प्रदर्शन इस दौरान चलता रहा। धरना प्रदर्शन कर आधा दर्जन प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। क्षेत्राधिकारी जितेंद्र दुबे द्वारा प्रदर्शनकारियों को छोड़ने के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।