Lockdown in varanasi : मजदूरों के सामने भोजन ही नही बल्कि अच्छी सेहत बनाये रखने की भी समस्या
वाराणसी में फंसे मजदूरों के सामने भोजन ही नही बल्कि अच्छी सेहत बनाये रखने की भी समस्या।
वाराणसी, जेएनएन। देश में 21 दिन का लॉकडाउन होने की वजह से बहुत से मजदूर अपने गांव को लौट गए। ये दिल्ली से लेकर वाराणसी तक देखने को मिला। इसी प्रकार यहां कुछ को निर्माण करने वालों ने मजूदरों को रोक लिया। इनके भोजन आदि की भी व्यवस्था तो हो जा रही है लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए उनके बीच सामाजिक दूरी का ध्यान नहीं दिया जा रहा। वे आसपास के क्षेत्रों में घूमते भी रहते हैं। इससे कोरोना संक्रमण का डर बना रहता है।
निर्माण के क्षेत्र से लगायत अन्य कारोबार में बड़ी संख्या में झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के मजदूर काम करते हैं। उनके वहां से ले आने और ले जाने के साथ ही यहां रहने आदि की व्यवस्था कार्य स्थल पर कारोबारी ही करते हैं। लॉकडाउन के बाद कुछ तो लौट गए कुछ को रोक लिया गया। बीएचयू में निर्माण स्थल जोधपुर कालोनी, हैदराबाद कालोनी, सीर गेट के पास, सिगरा में नगर निगम के पास सैकड़ों मजदूर रह रहे हैं। इन निर्माण कार्यों की निगरानी राज्य व केंद्र स्तर के विभाग और एजेंसियां कर रही हैं। पहडिय़ा के साथ ही रामकटोरा, शिवपुर व लहरतारा में ट्रांसपोर्ट के सैकड़ों मजदूर रुके हुए हैं। सभी स्थानों पर इनकी संख्या करीब सात हजार से अधिक है। मजदूर पलायन नहीं किए रुके हैं यह तो अच्छी बात है लेकिन उनके द्वारा लॉकडाउन के नियमों का पालन करना भी उतना ही जरूरी है।
मुख्यमंत्री से की शिकायत
प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने के बाद जब कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस नेता संजीव कुमार सिंह ने इसकी आनलाइन शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किया। कहा कि मजदूरों का पंजीकरण कराकर आर्थिक सहायता दी जाए। साथ ही इन्हें जागरूक कर सामाजिक दूरी बनाए रखने को कहा जाए।