Move to Jagran APP

विकास की रैंकिंग में बनारस की कुछ सुधार हुआ, मार्च माह की रिपोर्ट में शीर्ष पर कुशीनगर

प्रदेश सरकार का मुख्य एजेंडा ही विकास है। सुस्त मशीनरी की वजह से विकास की गाड़ी सरपट दौड़ नहीं पा रही है। वाराणसी ने मार्च की रैंकिंग में सुधार कर कुछ उन्नति की है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 01:46 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 05:35 PM (IST)
विकास की रैंकिंग में बनारस की कुछ सुधार हुआ, मार्च माह की रिपोर्ट में शीर्ष पर कुशीनगर
विकास की रैंकिंग में बनारस की कुछ सुधार हुआ, मार्च माह की रिपोर्ट में शीर्ष पर कुशीनगर

वाराणसी [अशोक सिंह]। प्रदेश सरकार का मुख्य एजेंडा ही विकास है। मुख्यमंत्री स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं लेकिन, सुस्त मशीनरी की वजह से विकास की गाड़ी सरपट दौड़ नहीं पा रही है। कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग की ओर से मार्च माह की जुलाई में जारी रैंकिंग में राजधानी लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर व आगरा जैसे जनपदों की स्थिति ठीक नहीं है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर के विकास को लेकर देश-दुनिया की नजर है। पर्यटन नगरी वाराणसी ने मार्च की रैंकिंग में सुधार कर कुछ उन्नति की है। गोरखपुर पिछले माह की रैंकिंग को बनाए रखने में सिर्फ सफल रहा है। हालांकि आगे सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। कुछ जिले पीछे हैं तो कुछ ने बेहतर कार्य भी किया है। इस बार सहारनपुर और रामपुर को पीछे छोड़ते हुए कुशीनगर पूरे प्रदेश में शीर्ष स्थान बनाने में सफल रहा। रैंकिंग में सबसे नीचे बदायूं है।

loksabha election banner

लॉकडाउन की वजह से रुकी हुई रैंकिंग को कार्यान्वयन विभाग ने जुलाई में मार्च माह के आधार पर जारी किया है। इसके पूर्व जनवरी की रैंकिंग फरवरी में जारी की गई थी। मार्च की रैंकिंग में 97.67 फीसद अंक लेकर कुशीनगर अव्वल है। कुशीनगर ने जिले में संचालित 120 कार्यक्रमों में से 117 में 'एÓ  ग्रेड हासिल किया है।

जिलावार रैंकिंग 

जनपद            मार्च में   जनवरी में

कुशीनगर          01        05

लखनऊ            43        56

गोरखपुर           67        67

कानपुर नगर     58        73

आगरा              59       43

मीरजापुर          05       13

अयोध्या            07      16

भदोही              23       30

आजमगढ़         35       51

चंदौली             42        57

सोनभद्र            49       40

वाराणसी          50       61

मऊ                51,       52

गाजीपुर           52       34

जौनपुर            62        53

बदायूं              75        48

वाराणसी को मिले 81.41 फीसद अंक

वाराणसी ने 540 में 81.41 फीसद अंक प्राप्त कर प्रदेश में 50वां स्थान प्राप्त किया है। जिले में संचालित 119 कार्यक्रमों में 91 में ए ग्रेड, 11 में बी, चार में सी और 13 में डी ग्रेड मिला है। जनपद फरवरी में 61वें स्थान पर था।

फरवरी में ही पीएम ने दी 1200 करोड़ की सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रथम काल से लेकर अब तक बनारस के विकास पर धन की बरसात हुई है, लेकिन मशीनरी की सुस्ती की वजह से वो फलक नहीं मिला जो उम्मीद की जा रही थी। प्रधानमंत्री की ओर से अभी बीते फरवरी माह में ही जिले को करीब 1200 करोड़ की सौगात मिली। इसमें करीब एक हजार करोड़ की बिजली, सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, पानी, उद्यान, फ्लाईओवर की योजनाओं को प्रधानमंत्री ने जनता को समर्पित किया। इसी प्रकार 200 करोड़ की 14 योजनाओं का शिलान्यास भी किया। जिन पर अभी कार्य शुरू ही नहीं हुआ है। कई पुरानी परियोजनाएं अभी अभी मूर्त रूप नहीं ले सकीं हैं। वाराणसी को पिछले पांच वर्षों में ङ्क्षरग रोड, बाबतपुर, आजमगढ़ व गाजीपुर फोरलेन के लिए हजारों करोड़ रुपये मिले हैं। रोड की इन योजनाओं का कार्य अभी प्रगति पर है। यदि इन योजनाओं ने आकार ले लिया तो एक नया बनारस देखने को मिलेगा।

प्रदेश में चल रहे हैं 132 कार्यक्रम

प्रदेश में कुल 132 कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। इसमें प्राथमिकता वाले विकास कार्य की प्रगति, स्वच्छ भारत, अवैध खनन, एंटी भू-माफिया सेल की कार्रवाई, पेयजल, कर-करेतर, उर्वरकों की उपलब्धता, जनहित गारंटी अधिनियम, महिला हेल्पलाइन, पेंशन, मुख्यमंत्री हेल्प लाइन आदि पैमाने हैं। किसी जिले में जितने कार्यक्रम चल रहे होते हैं उसी आधार पर उसका पूर्णांक निर्धारित होता है। उसमें प्राप्त अंकों के आधार पर रैंकिंग तय होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.