पंजाब चुनाव से पूर्व रैदासियों का सीर में जमावड़ा, गुरु चरणों की धूलि लेकर लौटेंगे आस्थावान
लंका से जन्मस्थान सीर गोवर्धनपुर जाने वाला रास्ता वर्षों से जर्जर हो चुका है और सड़क पर गंदा पानी भरा होने से कीचड़ तथा गोबर फैला रहता है। सड़क के किनारे दर्जनों जगह कूड़े का अंबार और गाय भैंस बधी रहती हैं जिसके कारण पैदल गुजरना मुश्किल रहता है।
वाराणसी [रवि पांडेय]। दो वर्ष पहले नगर निगम और गांव के बीच अटके इस मार्ग को लेकर मंदिर प्रबंधन और स्थानीय लोग परेशान थे। नगर निगम की सीमा में होने के बाद भी डाफी से भगवानपुर मार्ग की हालत काफी जर्जर और मुसीबतों भरी है।16 फरवरी को होने वाली संत रविदास जयंती की तैयारियां मंदिर प्रबंधन ने शुरू कर दी है।लेकिन लंका से श्री गुरु रविदास मंदिर जन्मस्थान सीर गोवर्धनपुर जाने वाला रास्ता वर्षों से जर्जर हो चुका है और सड़क पर गंदा पानी भरा होने से कीचड़ तथा गोबर फैला रहता है। सड़क के किनारे दर्जनों जगह कूड़े का अंबार और गाय भैंस बधी रहती हैं जिसके कारण पैदल गुजरना मुश्किल रहता है। जलनिकासी की नाली कूड़े कचरे से पट गई हैं जिसके कारण जगह जगह मलजल सड़क पर बहता रहा है।
समय रहते यदि रास्ते को दुरुस्त कराकर गंदगी नहीं हटाई गई तो जयंती में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होगी।इसके अलावा मंदिर से रविदास पार्क, नगवां में दीपोत्सव और घूमने के लिए श्रद्धालु पैदल जाते हैं।यहां होने वाली जयंती पर देश-विदेश से श्रद्धालु संत के दरबार में मत्था टेकने पहुंचते हैं। नगर निगम की तरफ से लाखों खर्च करके लंका से सीरगोवर्धन पुर मंदिर जाने वाले मार्ग पर वाल पेंटिंग कराई गई थी जिसमें संत रविदास से जुड़े चित्र बनाये गए थे।
गेस्ट हाउस के सामने कचरे का ढेर और सड़क पर मवेशियों के रहता है जमावड़ा : भगवानपुर स्थित संत सरवन दास अतिथि गृह में ज्यादातर बाहर से आये मेहमान और श्रद्धालु रुकते हैं लेकिन अतिथी गृह के सामने ही गंदगी और कूड़े का अंबार लगा रहता है। यहां गाय और भैंसों का सड़क पर ही जमावड़ा रहता है। यही नहीं बीएचयू कैंपस की दीवारों पर जगह जगह गोबर के उपले और सड़क के किनारे गाय भैंस बंधी हुई हैं। ऐसे में स्वच्छ और सुंदर काशी का नारा बाहर से आये श्रद्धालुओं को गलत संदेश देता है।
स्थानीय लोगों ने गंदगी को लेकर कई बार किया चक्काजाम-प्रदर्शन : डाफी से भगवानपुर ट्रामा सेंटर बीएचयू व सरसुंदर लाल अस्पताल जाने के लिये यह प्रमुख मार्ग है। मार्ग की जर्जर हालत और जगह जगह कूड़े और गंदगी को हटवाने के लिये लोग कई बार चक्काजाम और प्रदर्शन भी कर चुके हैं। इसके बावजूद नगर निगम और प्रशासन अनदेखा करता है। मंदिर के ट्रस्टी केएल सरोये ने कहा कि भगवानपुर में बने गेस्ट हाउस में देश विदेश में रहने वाले भक्त सालभर आते रहते हैं। अतिथि गृह के सामने कूड़े का ढेर और उपले की दीवार और मवेशियों को देखकर लोगों में गलत संदेश जाता है।
सत्संग हाल तक पहुंचने की डगर भी कठिन : संत रविदास मंदिर के विस्तारीकरण की योजना समय सीमा के अनुसार अभी भी अधूरी है। यहां पहुंचने के लिए नेशनल हाइवे के पास डाफी टोलप्लाज़ा से सत्संग हाल की सड़क 40 फीट बननी है जिसपर अभीतक मात्र मिट्टी डालकर छोड़ी गई है जो जगह जगह बरसात के बाद बह गई है।किनारे सीवर के लिए डाली गई पाइप लाइन तोड़कर सड़क के किनारे रखी गई है। इस मार्ग को सत्संग हाल तक जाने के लिए एनएचआई की तरफ से आपत्ति भी की गई है जिसकी जानकारी संत्संग हाल देखने आए मुख्यमंत्री के माध्यम से प्रशासन ने भेजी थी। इसके अलावा सत्संग हाल से मंदिर के मुख्य मार्ग को जोड़ने के लिए भी कुछ मकान हैं जिसका अभीतक अधिग्रहण नही हुआ। ट्रामा सेंटर से मंदिर तक की सड़क का नवीनीकरण भी अधूरा है ।