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सोनभद्र से पहले डौडियाखेड़ा में किया गया था एक हजार टन सोना मिलने का दावा

अक्टूबर 2013 में उन्नाव जिले के डौडियाखेड़ा में एक हजार टन सोना मिलने का दावा किया गया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 09:08 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 09:08 PM (IST)
सोनभद्र से पहले डौडियाखेड़ा में किया गया था एक हजार टन सोना मिलने का दावा
सोनभद्र से पहले डौडियाखेड़ा में किया गया था एक हजार टन सोना मिलने का दावा

वाराणसी, जेएनएन। सोनभद्र से पहले अक्टूबर 2013 में उन्नाव जिले के डौडियाखेड़ा में एक हजार टन सोना मिलने का दावा किया गया था। कांग्रेस सरकार में उस समय धर्म गुरु शोभन सरकार के कहने पर सरकार ने कई गड्ढों की खोदाई कर सोना निकालने का प्रयास किया था। सपने के आधार पर सोना होने की जांच में कुछ भी न मिलने से पुरातत्व विभाग की काफी किरकिरी हुई थी।

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उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में डौंडियाखेड़ा में जिस चर्चित खुदाई की विश्व स्तर पर गहमागहमी रही एक आरटीआई के अनुसार सरकार ने उसपर खोदाई में 2.75 लाख रुपये खर्च किये थे।  कई दिनों तक लगातार सोना खोजने निकली एएसआई की टीम को यहां से खुदाई में कुछ मिट्टी के बर्तन, कांच की कुछ टूटी चूड़ियां, पके हुए मिट्टी के मनके, लोहे की कई कीलें, तांबे के कुछ तार कमऔर पत्थर खंडित पशु आकृति मिली थी। हालांकि काफी खोजबीन के बाद भी सोना नही मिलने से सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी।

दरसल उस जगह पर खुदाई की सिफारिश करने वाला प्रशासन और केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत संग संत शोभन सरकार का यह सपनीला ख्वाब एक सपना ही बनकर रह गया।

अक्टूबर 2013 में राजा राव रामबख्श के किले के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में तीन गड्ढे कई मीटर की गहराई तक खोदे गए थे। हालांकि सफलता मिलती न देखकर शासन और प्रशासन ने इसे बंद कर दिया। इसके बाद कई स्थानीय लोग भी यहां गुपचुप सोना खोदने का प्रयास करते पकड़ाए। हालांकि यह सपनीला ख्वाब पूरा नही हो सका। एक बार फिर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में  हजारों टन सोने का दावा वर्षों के निरीक्षण और परीक्षण के बाद किया गया है। हालांकि डौडियाखेड़ा प्रकरण में वैज्ञानिक ढंग से काम करने वाली संस्था भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की काफी फजीहत भी हो चुकी है।


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