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निवेश करने से पहले जान लें अपनी जरूरतें, अलग-अलग आर्थिक योजना बना लेना ही बेहतर

किसी भी तरह का निवेश करने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि आने वाले समय में आपकी जरूरतें क्या होंगी।

By Edited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 02:07 AM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 10:52 AM (IST)
निवेश करने से पहले जान लें अपनी जरूरतें, अलग-अलग आर्थिक योजना बना लेना ही बेहतर
निवेश करने से पहले जान लें अपनी जरूरतें, अलग-अलग आर्थिक योजना बना लेना ही बेहतर

वाराणसी, जेएनएन। किसी भी तरह का निवेश करने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि आने वाले समय में आपकी जरूरतें क्या होंगी। हर व्यक्ति की जरूरतें, परिवार के सदस्यों की संख्या और आमदनी अलग-अलग होती हैं। इसलिए निवेश की खातिर अलग-अलग आर्थिक योजना बनाने की भी जरूरत होती है। ऐसे में लक्ष्य निर्धारित कर निवेश योजना बना कर हम भविष्य की आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। बेहतर भविष्य के लिए छोटी राशि भी लंबे समय के लिए निवेश करने पर मनमाफिक रिफंड दे सकती है।

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निवेश से जुड़ी ऐसी ही तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां रविवार को वित्तीय विशेषज्ञ रोमिल पांडेय व नीरज कुमार वर्मा ने दी। परेड कोठी, कैंट स्थित होटल प्लाजा इन में दैनिक जागरण और आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड की ओर से स्मार्ट इन्वेस्टर प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इसमें व्यापारी, शिक्षक, अधिवक्ता, नौकरीपेशा सहित अलग-अलग वर्ग की महिलाओं ने भी शिरकत की। विशेषज्ञों ने बताया कि आर्थिक रूप से मजबूत, खुशहाल एवं उज्जवल भविष्य के लिए आपको सही समय पर सही वजह व योजना के साथ कुशलता से काम करने की जरूरत होती है। आपकी आय के साधन सीमित हो सकते हैं, इसलिए सही प्रबंधन के साथ काम किया जाए तो आप आर्थिक रूप से संपन्न व खुशहाल भविष्य की कामन कर सकते हैं। सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआइपी) के तहत हर महीने एक निश्चित धनराशि को निवेश कर लांग टर्म गोल हासिल किया जा सकता है।

म्यूचुअल फंड निवेश का सुरक्षित और लाभकारी तरीका है। पांच साल या उससे अधिक अवधि के लिए इक्विटी फंड में निवेश किया जा सकता है। इसमें एक वर्ष से लेकर 40-50 वर्ष तक निवेश किया जा सकता है। विशेषज्ञ नीरज वर्मा ने कहा कि हर किसी को अपने सुरक्षित भविष्य के लिए आर्थिक योजना बनाने की जरूरत होती है। वित्तीय निवेश के कुछ महत्वपूर्ण मानदंड हैं। जैसे- आय, एक्सपेंडीचर, संपत्ति, भविष्य के लक्ष्य और करंट प्राविजन। मगर समस्या यह है कि अधिकांश मामलों में वित्तीय निवेश उनकी राय पर किए जाते हैं, जिन्हें इस क्षेत्र का कोई ज्ञान नहीं होता। कई बार राय देने वालों का निजी स्वार्थ भी इसमें शामिल होता है। मध्यम वर्ग के पास रिस्क की क्षमता कम होती है। ऐसे में म्यूचुअल फंड के माध्यम से आप अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। रिस्क को कम करने के लिए पैसों को एकमुश्त निवेश न करें, बल्कि हर महीने एसआइपी में निवेश करें। लंबे समय में निवेश किया गया यही पैसा भविष्य में बच्चों की उच्च शिक्षा, उनकी शादी, जमीन अथवा मकान खरीदने आदि में काम आ सकता है।


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