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जीवन में संघर्षों के बावजूद नहीं मानी हार, विजय हासिल कर मिला मुकाम

जिन्होंने जीवन में संघर्षो के बावजूद हार नहीं मानी। आयोजन का मकसद लोगों में जीवन के प्रति उत्साह का संचार कर उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है।

By Edited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 01:03 AM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 02:36 PM (IST)
जीवन में संघर्षों के बावजूद नहीं मानी हार, विजय हासिल कर मिला मुकाम
जीवन में संघर्षों के बावजूद नहीं मानी हार, विजय हासिल कर मिला मुकाम

जागरण संवाददाता, वाराणसी : आइआइटी-बीएचयू स्थित एमसीआइआइई (मालवीय सेंटर फॉर इनोवेशन इन्क्यूबेशन एंड इंटरप्रेन्योरशिप) सभागार में बुधवार को अभिप्रेरणा एटीई व‌र्ल्ड टॉक की ओर से लीडरशिप समिट का आयोजन किया गया। इसमें छात्रों के साथ ही शिक्षकों व शोधार्थियों को ऐसे विशिष्टजनों से रूबरू होने का मौका मिला, जिन्होंने जीवन में संघर्षो के बावजूद हार नहीं मानी। आयोजन का मकसद लोगों में जीवन के प्रति उत्साह का संचार कर उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है।

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बतौर ह्यूमन लाइब्रेरी अलग-अलग प्रांतों के सात वक्ताओं ने अपने संघर्षो की दास्तां बयान करने के साथ ही स्वयं के प्रयास समाज में किए गए बदलावों पर चर्चा की। इंफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग मंत्रालय में असिस्टेंट डायरेक्टर-प्रोग्राम के रूप में सेवारत डा. रत्ना पुरख्यस्था ने कहा कि महिला होने के बावजूद मैंने कभी भी स्वयं को किसी से छोटा नहीं समझा। परिस्थितियों से लड़ते हुए और उन पर विजय हासिल करके मैंने समाज में अपना मुकाम बनाया है। एडवांटेज ग्रुप के संस्थापक व एमडी खुर्शीद अहमद ने 20 रुपये से शुरू कर 200 करोड़ रुपये की इंडस्ट्री खड़ा करने तक के अपने सफर को साझा किया।

कहा बीच में एक दौर ऐसा भी दौर आया जब उनकी 160 करोड़ रुपये की कंपनी डूब गई और वे शून्य हो गए। मगर उन्होंने हार नहीं मानी और दोगुने उत्साह के साथ फिर प्रयास किया और इस बार पहले से ज्यादा कामयाब हुए। इंपीरियल ग्रुप के संस्थापक व एमडी डा. हरि कृष्ण मरम ने एक छोटे से गांव से निकलकर कामयाबी के सोपान तय करने का दिलचस्प वाकया छात्रों के समक्ष रखा। वहीं गांव के बच्चों तक किताबें पहुंचाने वाले जय प्रकाश मिश्र ने कहा कि अब शहरों में न तो कोई किताबें पढ़ता है और न ही लाइब्रेरी जाता है। इसलिए वे शहरों में घर-घर जाकर किताबें इकट्ठा करते हैं और गांव के जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाते हैं।

कहा अब तक उन्होंने करीब एक लाख किताबों का संग्रह किया है, जिसे भारत के आठ गांवों में स्थापित लाइब्रेरी तक पहुंचाया। इस दौरान भारत का पहला हाईटेक गांव बनाने वाले ग्राम प्रधान दिलीप कुमार त्रिपाठी, सर्जरी ऑनलाइन के संस्थापक डा. अनिमेष, योगाचार्य रवि झा आदि ने भी विचार व्यक्त किए। आयोजन के मुख्य अतिथि एमसीआइआइई, आइआइटी-बीएचयू के को-ऑर्डिनेटर प्रो. पीके मिश्रा थे। अध्यक्षता अभिप्रेरणा एटीई व‌र्ल्ड टॉक के निदेशक आयुष, संयोजन सनी व संचालन सत्येंद्र यादव ने किया।


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