Varanasi News: गंगा में स्नान करना हुआ खतरनाक, एक गलत कदम से मुश्किल में फंस सकती है जान
वाराणसी में गंगा के जलस्तर में वृद्धि की दर में अब काफी कमी आई है। 23 घंटों से दो सेमी प्रति घंटा बढ़ रहा जलस्तर मंगलवार की शाम चार बजे से डेढ़ सेमी प्रति घंटा के वेग पर आ गया था जो बुधवार की सुबह पुन दो सेमी/ प्रति घंटा की गति पकड़ लिया है। सुबह आठ बजे राजघाट पर जलस्तर 62.64 मीटर रिकार्ड किया गया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी का पानी घाटों की सीढ़ियों को खुद में समा रहा है। इसके चलते घाट पर मौजूद चबुतरे, मढियां व सीढ़ियां एक स्तर पर आ गए हैं। इससे घाटों पर स्नान करना खतरनाक हो गया है। खासतौर पर उनके लिए जो घाटों की बनावट को नहीं जानते हैं।
जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव के अनुसार पिछले कुछ सालों से वाराणसी में बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। गंगा के अद्भुत घाट व श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का भव्य धाम उन्हें खूब भा रहा है। दूसरे जिलों व प्रदेशों से आने वाले गंगा में स्नान करके दर्शन-पूजन के लिए जाते हैं।
इस समय बाढ़ की वजह से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। इससे घाटों की स्थित में काफी परिवर्तन हो गया है। नदी के पानी के घाटों की सीढ़ियों, चबूतरों व मढ़ियों को एक बराबर कर दिया है। चबूतरों और मढ़ियों के आगे अचानक से पानी गहरा हो जाता है।
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रोज गंगा स्नान करने वाले स्थानीय लोग इसे जानते हैं। बाहर से आने वालों को इसके बारे में पता नहीं होता और स्नान के दौरान गहरे पानी में चले जाते हैं। इस समय पानी का बहाव इतना तेज है कि जिसे तैरना नहीं आता उसे डूबने से बचा पाना काफी मुश्किल है।
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स्नानार्थियों के गंगा में सुरक्षित स्नान के लिए असि, शीतला, दशाश्वमेध समेत प्रमुख घाटों पर जल पुलिस, पीएसी व एनडीआरएफ के जवान तैनात किए जाते हैं। ललिता घाट जहां पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ होती वहां स्नान पर रोक है।
प्रमुख घाटों पर फ्लोटिंग जेटी लगाई गई हैं। गहरे पानी में जाने से स्नानार्थियों को रोकने के लिए घाटों पर फ्लोटिंग बैरिकेडिंग भी लगी हैं। घाटों पर नगर निगम और पुलिस की ओर से चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं। जल पुलिस व एनडीआरएफ की चार टीमें गंगा में गश्त करती हैं।