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Lockdown in Varanasi गांवों में लौटा वस्तु विनिमय का दौर, बुजुर्गों की सलाह पर अपनाया फंडा

वाराणसी में बुजुर्गों ने अनुभव को साझा करते हुए वस्तु विनिमय के दौर में लौट की बात कही जिनकी सलाह पर इन गांवों की जिंदगी दौड़ पड़ी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 08:50 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 08:17 PM (IST)
Lockdown in Varanasi गांवों में लौटा वस्तु विनिमय का दौर, बुजुर्गों की सलाह पर अपनाया फंडा
Lockdown in Varanasi गांवों में लौटा वस्तु विनिमय का दौर, बुजुर्गों की सलाह पर अपनाया फंडा

वाराणसी [विनोद पांडेय] कोरोना पॉजिटव मिले युवक के चितौरा गांव समेत पड़ोस के दो अन्य गांव राजपुर व ओदार पूरी तरह लॉक डाउन पर हैं। ग्रामीणों को गांव के बाहर निकलने पर पाबंदी है। इससे किसानों के समक्ष नकदी का संकट है। इसे देखते बुजुर्गों ने अनुभव को साझा करते हुए वस्तु विनिमय के दौर में लौट की बात कही जिनकी सलाह पर इन गांवों की जिंदगी दौड़ पड़ी।

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अनाज देकर दुकानों से घी, तेल, मसाला, चीनी, साबुन समेत अन्य सामानों की खरीद हो रही है। कमोवेश ऐसे ही हालात जिले के दूर-दराज स्थित कई गांवों के भी हैं, जहां वस्तु विनियम के फंडे को अपना कर सामानों की खरीद हो रही है। चितौरा गांव के किसान दिनेश ने बताया कि जब से गांव का एक युवक कोरोना पॉजिटिव मिला है तब से ग्रामीणों का गांव से बाहर निकलना मुश्किल हुआ है। दुकानदारों को गेहूं, चावल आदि अनाज देकर चीनी, दाल, तेल मसाला आदि ले रहे हैं। गांव के राम समुझ दादा ने बताया कि  'बचवा ई किरउनवा से सब डेरा गयल हव। थरिया अउर कटोरा भरके समान क लेनदेन करके काम चला लेत हई। अपने बचपना में भी अइसे ही काम चलत रहल। वहीं, भरोसे का लेनदेन भी हो रहा है। वहीं कुछ दुकानदार उधार देने से भी मना नहीं कर रहे हैं। विकासखंड चोलापुर के ग्राम सभा रूपचंदपुर में मजदूर हरिश्चंद्र राजभर कहते हैं कि 20 किलो चावल बचा हुआ है। उसको दुकानदार को देकर बदले में घरेलू सामग्री खरीदना पड़ रहा है। बताया कि घर में पत्नी लक्ष्मी देवी समेत दो बच्चे हैं। इसी गांव के ही राकेश चौबे खेती-किसानी करते हैं। परिवार बड़ा है। कुछ पैसा बैंक में है लेकिन बाहर नहीं निकल पाने से खाते से नकदी निकाल नहीं पा रहे हैं। दाल-रोटी चलाना मुश्किल हो गया है। घर में गेहूं पड़ा है। रोजमर्रा की सामग्री उसी को बेचकर खरीद रहा हूं। बताया कि पत्नी संगीता चौबे समेत 10 लोगों का परिवार है।

ऑनलाइन भुगतान कर रहे है युवा

जहां एक ओर खेती-किसानी से जुड़े लोग वस्तु विनिमय के फंडे से काम चला रहे हैं तो वहीं गांव के कुछ ऐसे युवा भी हैं जो ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं। दुकानदारों को पेटिएम समेत अन्य माध्यमों से भुगतान कर सामग्री खरीद रहे हैं। गूगल -पे, पे -फोन, पेटीएम, भीम ऐप, एयर टेल बैंक पेमेंट के माध्यम से दुकानदार का भुगतान कर रहे हैं।

खाद्य सामग्री पाकर रो पड़ी आंखें

पिंडरा ब्लाक के चितौरा गांव में कोरोना पॉजिटिव युवक के घर जिला प्रशासन ने शनिवार को खाद्य सामग्री भेजी। फूलपुर इंस्पेक्टर सनवर अली उनके घर पहुंचे थे। खाद्य सामग्री मिलते ही परिजनों की आंखों में आंसू आ गए। पीडि़त के पिता का कहना था कि जबसे जांच में बेटा कोरोना पॉजिटिव मिला है तब से कोई हमारे घर नहीं आ रहा है। इंस्पेक्टर ने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा समय-समय पर उन्हें  खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है।


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