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वसंत पंचमी तक मांगलिक कार्यों में रोक, गुरु अस्‍त होने की वजह से मांगलिक कार्यों में प्रतिबंध

ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार बृहस्पति ग्रह जब सूर्य के आगे या पीछे करीब 11 डिग्री पर होता है तो यह अस्त माना जाता है। अब 19 जनवरी को गुरु ग्रह अस्त हो जाएगा। इस ग्रह के अस्त हो जाने से मांगलिक कामों पर रोक लग जाएगी।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 04:52 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 05:33 PM (IST)
वसंत पंचमी तक मांगलिक कार्यों में रोक, गुरु अस्‍त होने की वजह से मांगलिक कार्यों में प्रतिबंध
देवगरू बृहस्पति धर्म व मांगलिक कार्यों का कारक ग्रह है।

वाराणसी, जेएनएन। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार बृहस्पति ग्रह जब सूर्य के आगे या पीछे करीब 11 डिग्री पर होता है तो यह अस्त माना जाता है। अब 19 जनवरी को गुरु ग्रह अस्त हो जाएगा। इस ग्रह के अस्त हो जाने से शादियां, गृह प्रवेश जैसे तमाम मांगलिक कामों पर रोक लग जाएगी। ज्योतिषीय गणना के अनुसार बृहस्पति जब सूर्य के आगे या पीछे करीब 11 डिग्री पर होता है तो अस्त माना जाता है। देवगरू बृहस्पति धर्म व मांगलिक कार्यों का कारक ग्रह है। इसलिए गुरू तारा अस्त होने पर मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।

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इस बार 19 जनवरी से 16 फरवरी तक गुरु अस्त रहेगा। इसलिए इन 28 दिनों तक मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त नहीं रहेंगे। हालांकि 16 फरवरी को गुरु के उदय होने के कुछ ही मिनटों बाद शुक्र अस्त हो जाएगा। इस कारण अप्रैल से शुभ कामों की शुरुआत होगी। यही वजह है कि साल का पहला विवाह मुहूर्त 22 अप्रैल को रहेगा। 14 जनवरी को सुबह करीब साढ़े 8 बजे सूर्य मकर राशि में आया। इस राशि में पहले से ही बृहस्पति स्थित है। सूर्य के राशि बदलने के 4 दिन बाद ही यानी 19 जनवरी को बृहस्पति अस्त हो जाएंगे। सूर्य 12 फरवरी को बृहस्पति वाली राशि छोड़कर कुंभ में प्रवेश कर जाएगा। इसके 4 दिन बाद यानी बसंत पंचमी पर बृहस्पति ग्रह का उदय हो जाएगा।

वैदिक ज्योतिष में गुरु को शुभ का प्रतिनिधि ग्रह भी माना गया है। सूर्य जब गुरु की राशि धनु और मीन में आता है तो इससे गुरु का प्रभाव कम हो जाता है। शुभ कामों के दौरान गुरु का प्रभावशाली होना जरूरी माना गया है। इसलिए इस एक महीने के दौरान शुभ कामों की मनाही होती है। खासतौर से इस समय शादियां तो बिल्कुल नहीं की जाती। (विवाह के लिए सूर्य और गुरु दोनों की स्थिति मजबूत होनी चाहिए। 12 साल में एक बार जब बृहस्पति ग्रह सूर्य की राशि यानी सिंह में आता है तो भी मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।

इस बार पहला विवाह का मुहूर्त 22 अप्रैल से है। अप्रैल में 8, मई में 15, जून में 9 और जुलाई में पांच दिन शादियां हो सकेंगी। इसके बाद देवशयन होने से अगले चार महीने के बाद नवंबर में शादी और मांगलिक कामों की शुरुआत हो सकेगी। इस साल नवंबर में 7 और दिसंबर में छह दिन विवाह के मुहूर्त रहेंगे।

2021 में विवाह के शुभ मुहूर्त

अप्रैल-22, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30

मई-1,2,7,8,9,13,14,21,22,23,24,26,28,29,30

जून-3,4,5,16,19,20,22,23,24

जुलाई-1,2,7,13,15

नवम्बर-15,16,20,21,28,29,30

दिसम्बर-1,2,6,7,11,13


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