फर्जी चेक से 52 लाख का भुगतान, मुंबई व दिल्ली से जुडे़ आरोपियों के तार
आजमगढ़ नगर पालिका मुबारकपुर द्वारा संचालित बैंक खाते से फर्जी चेक से निकासी की जांच शुरू हो गई है।
आजमगढ़ (मुबारकपुर) : नगर पालिका परिषद मुबारकपुर द्वारा संचालित बैंक खाते से फर्जी चेक के माध्यम से 52 लाख 76 हजार भुगतान कराये जाने का मामला धीरे- धीरे अब परत दर परत खुलता जा रहा है। सोमवार को अधिशासी अधिकारी व स्थानीय चौकी प्रभारी की एक टीम ने भारतीय स्टेट बैंक की शाखा मुबारकपुर में पहुंच कर 14 अगस्त की सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तथा चेक के बारे में गहनता से जाच के दौरान गाधी ओवरसीज के नाम अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर पाए। इसके माध्यम से 18 लाख व 17 लाख 10 हजार का चेक का विवरण सामने आया है।
एक खाते का चेक एसबीआइ जयपुर का निकला जो मई माह 2018 के 1500 रूपये के आखिरी ट्राजैक्शन के बाद बन्द पाया गया। वहीं दूसरा चेक बैंक आफ महाराष्ट्र की एक शाखा में खाता संचालक का नाम बाबूराम के नाम से प्रकाश में आया है। शाखा प्रबन्धक गौरव कौशिक ने बताया कि इस फर्जीवाड़े की जाच में दिल्ली फ्रॉड मॉनिटरिंग सेल अपना काम कर रही है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि मामले का पर्दाफाश जल्द ही हो जायेगा। इस मामले को लेकर नागरिकों में भी काफी उहापोह मचा हुआ है और संयुक्त रूप से लोगों की माग है कि मुबारकपुर के अब तक के इस सबसे फ्रॉड के प्रयास का मामला जब तब बेनकाब न हो जाये नगर पालिका बैंक खाते से कोई भी भुगतान न किया जाये, जिससे कि शासन प्रशासन पर जल्द मामले के पर्दाफाश करने का दबाव बनाया जा सके। दूसरी ओर इस बड़े फर्जीवाड़े से सतर्क होकर नगर पालिका प्रशासन ने पिछले दो माह के सभी भुगतान के रिकार्ड को भी खंगालना शुरू कर दिया है। इस आशका के साथ कि कहीं इससे पहले भी इस तरह के भुगतान तो नहीं हो चुके हैं, जिससे हौसला पाकर यह फर्जी चेक भुगतान के लिए बैंक में डाले गये।
रोचक तथ्य तो यह है कि इस मामले को लेकर जहा नागरिकों में हलचल मची हुई है और नगर पालिका प्रशासन के भी पसीने छूट रहे हैं वहीं अब तक इस मामले में कोई मुकदमा तक दर्ज नहीं हो सका है। जबकि नगर पालिका प्रशासन द्वारा 27 अगस्त को ही पुलिस को तहरीर दे दी गई थी, लेकिन थानाध्यक्ष मुबारकपुर का कहना है कि उसे अभी तक तहरीर ही नहीं मिली है।