Move to Jagran APP

कर्मचारियों की हड़ताल से धान खरीद ठप, क्रय केंदों पर धान लेकर बेचने का इंतजार कर रहे किसान

विभिन्न समस्याओं को लेकर राजकीय धान खरीद के कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से धान की खरीद ठप हो गई है। इससे किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 11:11 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 08:47 PM (IST)
कर्मचारियों की हड़ताल से धान खरीद ठप, क्रय केंदों पर धान लेकर बेचने का इंतजार कर रहे किसान
कर्मचारियों की हड़ताल से धान खरीद ठप, क्रय केंदों पर धान लेकर बेचने का इंतजार कर रहे किसान

सोनभद्र, जेएनएन। कई समस्याओं को लेकर राजकीय धान खरीद के कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से धान की खरीद ठप हो गई है। इससे कृषकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तीन दिनों से रुक-रुककर व झमाझम बारिश होने से किसान ठंड में कांपने के लिए बाध्‍य हैं। प्रदेश सरकार के क्रय केंद्रों पर किसान बेहाल हैं। क्रय केंद्रों पर टेंट व अलाव की व्यवस्था न होने से किसान परेशान है।

loksabha election banner

राजकीय धान खरीद केंद्रों के कर्मचारियों के विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले जाने से तीसरे दिन भी धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी। इससे राजकीय धान खरीद पर अपना धान लेकर बेचने का इंतजार कर रहे किसानों में मायूसी देखी जा रही है। तीन दिनों से हो रही बारिश से भी किसान बेचैन दिख रहे हैं। खरीद केंद्रों पर किसानों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। ठंड बढऩे के बावजूद अलाव का भी इंतजाम नहीं किया गया है। इससे किसान ठंड में दिन व रात गुजारने को विवश हैं।

जनपद के किसान रुपचंद ने कहा कि मंडी समिति स्थित राजकीय धान खरीद केंद्र पर धान लेकर आये हुए आठ दिन हो गये हैं। केन्द्र पर अलाव की व्यवस्था की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे रात में रुकने में परेशानी हो रही है। धान खरीद कब शुरू होगी कोई कुछ नहीं बता पा रहा है।  रघुनाथ ने कहा कि राजकीय धान खरीद से जुड़े कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। तीन दिन से बारिश हो रही है। बारिश के चलते कुछ धान भी भीग गया है। पांच दिन बाद भी धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी है। संदीप कुमार ने कहा कि सात दिन से धान लेकर खरीद का इंतजार कर रहा हूं। बारिश के कारण यहां रुकने में परेशानी उठानी पड़ रही है। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से खरीद नहीं हो पा रही है। किसी तरह की व्यवस्था न होने से ठंड में खुले में रहने को मजबूर हैं। राजकुमार सिंह ने कहा कि पांच दिनों से धान बेचने के लिए नंबर लगाया हूं। यहां न तो किसानों को ठहरने के लिए कोई इंतजाम किया गया है और न ही ठंड से बचाव के लिए अलाव ही जलाया जा रहा है। किसानों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.