बीएचयू अब तैयार करेगा लाइफ स्टाइल डिसआडर के विशेषज्ञ, आरंभ होगा नया कोर्स
चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू में अब बैचलर ऑफ फिजियो व आकुपेशनल थेरेपी का नया कोर्स आरंभ किया जा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू में अब बैचलर ऑफ फिजियो व आकुपेशनल थेरेपी का नया कोर्स आरंभ किया जा रहा है। अस्थी रोग विभाग के फिजियो थेरेपी प्रभाग ने इसका मसौदा बनाया है। विश्वविद्यालय की कार्यकारणी व विद्वत परिषद ने भी इस कोर्स को चलाने की मंजूरी दे दी है। पाठ्यक्रम भी बन गया है। सेंट्रल यूनिविर्सिटी में यह कोर्स पहली बार शुरू किया जा रहा है। इससे लाइफ स्टाइल डिसाडर को दूर करने वाले विशेषज्ञ तैयार किए जाएंगे।
फिजियो थेरेपी प्रभाग द्वारा तैयार मसौदे को बीते साल (2018) में ही कार्यकारणी परिषद ने हरी झंडी दे दी थी। उसके बाद विद्वत परिषद से भी इस कोर्स को चलाने की अनुमति मिल गई। इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय की अनुमति का इंतजार हो रहा था। हाल ही में वहां से भी अनुमति मिली। तब इस कोर्स को चलाने की प्रक्रिया शुरू की गई। बीते कई महीनों से बीएचयू इसकी तैयारियों में जुटा था। अब इसकी प्रवेश परीक्षा इसी माह (16 जून) को चिकित्सा विज्ञान संस्थान में बीएससी नर्सिंग व बी फार्मा आयुर्वेद के साथ होगी। बीएचयू से आकुपेशनल व फिजियो थेरेपी कोर्स को करने के लिए करीब 11.5 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। आकुपेशनल व फिजियो थिरेपी के लिए 20-20 सीटों पर प्रवेश होगा। यह कोर्स आईएमएस बीएचयू की पॉलसी प्लानिंग कमेटी (पीपीसी) की देखरेख में संचालित होगा।
आकुपेशनल थिरेपी की बढ़ी मांग
वर्तमान समय के बदलते क्रिया कलापों व दिन चर्या में हुए बदलाव के चलते लाइफ स्टाइल डिसॉडर के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। कमर, गर्दन व पीठ दर्द की शिकायत को बिना दवा के, कुछ व्यायाम के व लाइफ स्टाइल में बदलाव कर ठीक किया जा सकता है। अस्थी रोग की समस्या, लकवा, कैंसर तथा बड़े ऑपरेशन के बाद मरीजों को फिजियोथिरेपी की जरूरत पड़ती है।
विज्ञान विषय से 12 वीं पास
बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू की ओर से संचालित आकुपेशनल व फिजियो थिरेपी कोर्स को करने के लिए विज्ञान विषय से 12वीं पास होना जरूरी है। 4.5 साल के इस कोर्स में प्रतिभागियों को व्यवहारिक व प्रयोगात्मक शिक्षा प्रदान की जाएगी।
फिजियोथेरेपी
फिजियोथेरेपी मालिश व कसरत मिला-जुला रूप है। मानसिक तनाव, घुटनों, पीठ या कमर में दर्द जैसे कई रोगों से बचने या निपटने के लिए बिना दवा खाए दूर करने का तरीका है। घंटों लगातार कुर्सी पर वक्त बिताने, गलत मुद्रा में बैठने और व्यायाम या खेल के दौरान खिंचाव या जख्मों की हीलिंग के लिए मददगार है।
आकुपेशनल थेरेपी
आकुपेशन थेरेपी सही मायने में पुनर्वास से जुड़ा है। बीमारी अथवा दुर्घटना में चलने फिरने की क्षमता खो देने वालों के लिए यह एक प्रकार का प्रशिक्षण है। जिसमें काम करने की क्षमता को पुन: लौटाने के लिए मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय करने का प्रयास किया जाता है।
लाइफ स्टाइल डिसाडर के चलते बीमारियां बढ़ रही हैं। शुरुआती दौर में फिजियो थिरेपी की भूमिका महत्वपूर्ण साबित होगी।
डा. एसएस पांडेय, कोर्स कोआर्डिनेटर, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू।
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